मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर किया राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त

— तीसरी बार एनएसए बनाए गए डोभाल

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल के अहम मंत्रालयों सहित बैकडोर ब्यूरोक्रेसी में कोई भी बड़ा बदलाव नहीं किया है। संभवतः पीएम का अपनी टीम पर यह भरोसा ही है कि उनको बदलाव की कोई जरूरत महसूस नहीं हुई है। गृह, रक्षा, विदेश, वित्त जैस तमाम बड़े मंत्रालय पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल के नेता ही इस नई सरकार में संभालते नजर आ रहे हैं।

मोदी सरकार ने अजीत डोभाल को एक बार फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया है। अजीत डोभाल की पहचान पीएम मोदी की नजर में जेम्स बॉन्ड जैसी है। अजीत डोभाल का यह तीसरा कार्यकाल होगा। अजीत डोभाल को साल 2014 में नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर बनाया गया था। साल 2019 में भी उनके कार्यकाल को बरकरार रखा गया। आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक रहेगी। कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, मंत्रिमंडल की नियुक्ति संबंधी समिति ने आईपीएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी अजीत डोभाल को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जो 10 जून 2024 से प्रभावी होगी। इसमें कहा गया है कि डोभाल को उनके कार्यकाल के दौरान वरीयता क्रम में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा।

कंधार से लेकर कश्मीर तक

अजीत डोभाल 1972 में इंटेलिजेंस ब्यूरो में शामिल हुए थे। अपनी 46 साल की सर्विस में उन्होंने सिर्फ 7 साल ही पुलिस की वर्दी पहनी क्योंकि डोभाल का ज्यादातर समय देश के खुफिया विभाग में बीता है, इसीलिए डोभाल का करियर भी उतना ही करिश्माई रहा है, जितना पहली नजर में वह सामान्य नजर आते हैं। अजीत डोभाल एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें देश की आंतरिक और बाहरी दोनों ही तरह की खुफिया एजेंसियों में लंबे समय तक जमीनी स्तर पर काम करने का बड़ा अनुभव है। वह इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ रह चुके हैं।

कीर्ति चक्र से सम्मानित हो चुके डोभाल

अजीत डोभाल का जन्म 20 जनवरी 1945 को उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उन्हें काफी तेज तर्रार अधिकारी माना जाता है, उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें 1988 में कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया, जो आम तौर पर वीरता के लिए सशस्त्र बलों को दिया जाता है। इसके अलावा वह भारतीय पुलिस पदक पाने वाले सबसे कम उम्र के अधिकारी थे। वह विवेकानंद के गैर-सरकारी संगठन की एक शाखा विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के निदेशक रहे हैं।


पीके मिश्रा पीएम के प्रधान सचिव

भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी पी के मिश्रा को पुन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। कार्मिक मंत्रालय के एक आदेश में यह जानकारी दी गयी है। आदेश में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति 10 जून 2024 से प्रभावी होगी। इसमें कहा गया है, नियुक्ति संबंधी मंत्रिमंडलीय समिति ने आईएएस (सेवानिवृत्त) अधिकारी पी के मिश्रा की प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी है जो 10 जून से प्रभावी होगी। उनकी नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, तक रहेगी।

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