—
—कुवैत अग्निकांड : विदेश राज्य मंत्री पहुंचे कुवैत, कहा- शवों की पहचान करना मुश्किल
—
खास बातें
00 प्रधानमंत्री कोष से हर मृतक के परिजनों को मिलेंगे दो-दो लाख
00 केरल सरकार केरलवासियों के परिजनों को देगी पांच-पांच लाख
—
दुबई/कुवैत सिटी। कुवैत में एक इमारत में लगी भीषण आग में घायल हुए लोगों की सहायता के लिए किये जा रहे कार्यों की निगरानी करने और इस घटना में मारे गए लगभग 40 भारतीयों के शवों को शीघ्र भारत भेजने के लिए विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह बृहस्पतिवार को कुवैत पहुंचे। दक्षिणी शहर मंगाफ में सात मंजिला एक इमारत में बुधवार को भीषण आग लग गई थी। कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह आग हादसे में घायल हुए लोगों की सहायता के प्रयासों और इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीरों की शीघ्र वतन वापसी के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय करने के लिए कुवैत पहुंचे हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में कहा कि कुवैत के अधिकारी दक्षिणी कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में आग लगने की विनाशकारी घटना में मारे गए लोगों के शवों का डीएनए परीक्षण करा रहे हैं। उनके अनुसार, घटना में मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीर वापस लाने के लिए भारतीय वायुसेना का एक विमान तैयार रखा गया है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा, कुवैत के मंगाफ क्षेत्र में श्रमिक आवास सुविधा में आज सुबह हुई दुर्भाग्यपूर्ण और आग लगने की दुखद घटना में लगभग 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए। प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना को दुखद बताया और विदेश मंत्री एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा सहित अन्य लोगों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने ‘प्रधानमंत्री राहत कोष’ से मृतक भारतीय नागरिकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की और हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने कुवैती समकक्ष अब्दुल्ला अली अल-याह्या से फोन पर बात की और उनसे मृतकों के पार्थिव शरीरों को शीघ्र भारत भेजने का आग्रह किया। जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, कुवैती विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से कुवैत में आग की त्रासदी पर बात की। इस संबंध में कुवैती अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों से अवगत कराया गया। आश्वासन दिया गया कि घटना की पूरी जांच की जाएगी और जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा, जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई है, उनके पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत भेजने का आग्रह किया। उन्होंने (कुवैत के विदेश मंत्री ने) कहा कि घायलों को अपेक्षित चिकित्सा सुविधा मिल रही है।\” अधिकारियों ने कहा कि भारत के अधिकतर मृतक केरल के रहने वाले थे।
—
पांच अस्पतालों में चल रहा उपचार
कुवैत में भारत का मिशन संबंधित कुवैती अधिकारियों से घटना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर रहा है। घायलों को वर्तमान में कुवैत के पांच सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और उनकी उचित चिकित्सा देखभाल की जा रही है और ध्यान दिया जा रहा है। अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, भर्ती किए गए अधिकांश घायलों की हालत स्थिर है।
घटना के बाद कुवैत में भारत के राजदूत आदर्श स्वैका तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने अस्पतालों में जाकर वहां भर्ती भारतीय नागरिकों का हालचाल भी जाना।
—
कुवैत के मंगाफ शहर की 6 मंजिला इमारत में बुधवार को आग लगने से 49 मजदूरों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा लोग घायल हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मरने वालों में करीब 42 भारतीय हैं। अन्य मृतक पाकिस्तान, फिलिपींस, मिस्र और नेपाल के हैं। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा। हादसे के बाद भारत के विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत पहुंच चुके हैं। मृतकों के शवों को सेना के विमान से भारत लाया जाएगा।
कुवैत में अब तक की सबसे भीषण आग
यह पूरे कुवैत में इमारतों में लगी अब तक की सबसे भीषण आग है। वहीं मरने वालों की संख्या के मामले में देश में दूसरी सबसे बड़ी आग है। इससे पहले अगस्त 2009 में जाहरा शहर में एक महिला ने पति की दूसरी शादी से नाराज होकर शादी के तंबू में आग लगा दी थी, जिससे 56 महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई थी।
–
इमारत में रखे थे 24 गैस सिलेंडर
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इमारत में आग क्यों लगी इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है। घटना की जांच की जा रही है। कुछ लोकल मीडिया रिपोर्ट्स में आशंका जताई गई है कि हादसा गैस लीक होने की वजह से हुआ। जांच कर रही टीम ने आग लगने की वजह पता करने के लिए घटनास्थल से कई सैंपल लिए हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर 2 दर्जन से ज्यादा गैस सिलेंडर रखे हुए थे।
–
मरने वालों की उम्र 20 से 50 साल के बीच
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुवैत के विदेश मंत्री अली अल-याह्या से फोन पर बात की। कुवैत ने आश्वासन दिया है कि मामले की जांच करके गुनहगारों को सजा दी जाएगी। जयशंकर ने मारे गए लोगों के शवों को जल्द जल्द भारत भेजने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि घायलों का इलाज कुवैत के 5 अस्पतालों- अदान, जाबेर, फरवानिया, मुबारक अल कबीर और जाहरा में चल रहा है। घायल भारतीयों की हालत अब पहले से बेहतर है। कुवैत में भारतीय दूतावास ने इस घटना के बाद एक हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 भी जारी किया है।
0000


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                