पक्षी है या मौसम विभाग! अंडों से होती है बारिश की भविष्यवाणी

आवाज का अंदाज बता देगा मानसून का मिजाज

नई दिल्ली। पर्यावरण को शुद्ध बनाने वाले हर पक्षी की अपनी एक अगल विशेषता होती हैं। ऐसा ही एक पक्षी टिटहरी है, जिसे आम भाषा मे टटाटिबली के नाम से भी जाना जाता है। इस पक्षी को भगवान ने ऐसा करिश्मा दिया है, जो अपने अंडों के जरिए अच्छे मानसून का संकेत देती हैं। भरतपुर के ग्रामीण इलाके में इस पक्षी को टिटहरी व पश्चिमी राजस्थान में इसे टिटूड़ी एवं टटाटिबली कहते हैं।

अंडों से होती है मौसम की जानकारी

भरतपुर के ग्रामीण लोग बताते हैं कि यह मादा अगर 6 अंडे देती है, तो अच्छी पैदावार व बरसात की उम्मीद बन जाती हैं। खुले घास के मैदान, छोटे-मोटे पत्थरों, सूनी हवेलियों व सूनी छतों पर बसेरा करने वाली टिटहरी अप्रैल से जून माह के प्रथम सप्ताह तक करीब 4 से 6 अंडे देती हैं, जिनसे मानसून का पता लगाया जाता हैं। ग्रामीणों और बुजुर्गों का मानना कि जब टिटहरी अंडे देती है, तो इसके कुछ दिन बाद ही बरसात आने की संभावना बन जाती हैं। इनका मानना है कि टिटहरी को पहले से ही आगे के मौसम का संकेत पता लग जाता है और यही टिटहरी अनेक तरह के शिकारी पक्षियों व जानवरों के आने व आस-पास होने की चेतावनी भी अपनी आवाज से दे देती हैं। इससे इस पक्षी के आस-पास घूमने वाला संकेत मिल जाता है।

कई प्रकार की निकालती हैं आवाज

गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि इस पक्षी के अंडे देने के बाद लगभग 18 से 20 दिनों बाद इनमें से बच्चे बाहर निकल जाते हैं। टिटहरी के बच्चों के पैरों का रंग सामान्य तौर पर लाल होता हैं। बाद में धीरे-धीरे बड़े होने के साथ यह रंग पीला होता जाता हैं। इनके अंडे भूरे-काले धब्बेदार होते हैं। ये कीट-पतंगे खाकर अपना भरण-पोषण करते हैं। मौसम का अंदाजा बताने वाली टिटहरी कई प्रकार की आवाजें निकालती हैं। इसकी आवाज से यह पता लगता है कि या तो मौसम बदलने वाला है या फिर कोई जानवर या पक्षी आने वाला हैं। टिटहरी लगभग दिनभर डीड ही टू इट… डीड ही टू इट… की आवाज निकालती हैं।

कहीं देखा है इतना अमीर गांव, शानदार घर, थीम पार्क, यहां तक कि हेलीकॉप्टर टैक्सी तक मिल जाएगी यहां!

बीजिंग। गांव के बारे में सोचते ही अक्सर हमारे दिमाग में गरीबी का ध्यान आता है। इसकी वजह यह भी समझी जाती है कि अमूमन गांवों मे उन सुविधाएं पहुंचना मुश्किल होता है जो कि शहरों में आसानी से मिल जाती हैं। लेकिन क्या ऐसे गांव भी होते हैं जहां शहरों जैसी कई सुविधाएं मिलती हैं? गांव इसी तरह का है, जहां थीम पार्क, हेलीकॉप्टर टैक्सी जैसी सुविधाएं मिल जाएंगी। इसे चीन का सबसे अमीर गांव बताया जाता है।

चीन के जियांग्सू प्रांत का हुआक्सी गांव 30340 से अधिक निवासियों का घर है। यह गांव अपनी ताकत और शक्तियों के दम पर खड़े किसी आलीशान शहर से कम नहीं है। हुआक्सी में एक थीम पार्क, हेलीकॉप्टर टैक्सी, महंगे घरों की कतारें और वह सब कुछ है जो एक गांव से नहीं बनता है। हुआक्सी में कैपिटल हिल और सिडनी ओपेरा हाउस जैसी चीजें भी हैं। उनके पास पूर्वी चीन के जियांग्शी प्रांत के नानचांग में महान दीवार भी है जो चीनी राष्ट्रीय दिवस की छुट्टियों के सुनहरे सप्ताह के दौरान बहुत सारे स्थानीय पर्यटकों को खींचती है। कहा जाता है कि हुआक्सी गांव के 2000 निवासियों में से हर एक निवासी के बैंक में 10 लाख युआन यानी एक करोड़ से अधिक राशि है।

हुआक्सी पूरी तरह से ही समाजवादी तरीके से चलने वाला गांव है। लेकिन यह साम्यवादी तरीके से चलने वाले सबसे अमीर गांव के रूप में दशकों से पेश किया जाता रहा है। यहां सहकारिता के जरिए करीब 80 फैक्ट्रियां चलाई जाती हैं। दावा यहां तक किया जाता है कि यह पूरी दुनिया का सबसे अमीर गांव है। कुछ साल पहले एक वीडियो सुर्खियों में आया था, जिसमें दिखाया गया था कि यहां के लोग पैसा हासिल करने के लिए परेशान हो रहे हैं। यहां के लोगों ने जिस हुआक्सी ग्रुप में पैसा लगाया था उसका डिविडेंड गिर कर 30 से केवल 0.5 फीसदी तक रह गया था। इस वजह से लोग अपना मूल धन डूबने से बचाने के लिए कतार में लगे थे। पर हाल ही में इंस्टाग्राम में शेयर किए गए वीडियो में इस शानदार गांव की झलक दिखाई गई है। वहीं, 7 साल पुराने यूट्यूब वीडियो में यहां हेलीकॉप्टर टैक्सी तक उड़ते दिख रही हैं। इतना ही नहीं यहां की एक इमारत ऐसी है जिसे एफिल टॉवर से 4 मीटर बड़ा बताया जाता है।
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