बेबी केयर सेंटर में भीषण आग से सात नवजात की मौत, मालिक गिरफ्तार

–एलजी ने दिए जांच के निर्देश, कहा- दोषियों को मिलेगी कठोर सजा

–सिलेंडर ब्लास्ट के बाद आग लगने की संभावना, जांच के बाद होगा खुलासा

इंट्रो

राजकोट के बाद दिल्ली में भीषण हादसा हो गया। यहां एक बेबी केयर अस्पताल में लगी आग में 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई। अस्पताल में आग लगने के बाद 12 नवजात बच्चों को बाहर निकाला गया था। हालांकि, 7 बच्चों की मौत हो गई जबकि 5 बच्चों का इलाज चल रहा है। इधर, रविवार को अस्पताल के मालिक का गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच, एलजी ने जांच के निर्देश दिए हैं।

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के शाहदरा के विवेक विहार इलाके में शनिवार देर एक बेबी केयर सेंटर में आग लग गई। आग से 12 बच्चों का रेस्क्यू कराया गया। अग्निकांड में बचाए गए 12 में छह नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। जबकि एक नवजात की पहले ही मौत हो चुकी थी। सात नवजात बच्चों की मौत हुई है, पांच नवजात अस्पताल में भर्ती हैं, इनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है।

अधिकारियों ने बताया कि 12 नवजात शिशुओं को इमारत से बचाया गया था लेकिन छह की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि एक बच्चे को मृत निकाला गया था। पांच का अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनमें से एक की हालत भी गंभीर बनी हुई है। आग लगने का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है।

जानकारी के अनुसार, शनिवार रात करीब 11:32 बजे दिल्ली के शाहदरा इलाके में आईआईटी ब्लॉक बी, विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर में आग लगने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही दमकल की 16 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई। दमकल विभाग के मुताबिक, चाइल्ड केयर सेंटर में बच्चे और स्टाफ मौजूद था।

मौके पर पहुंचे दमकल कर्मी इमारत में फंसे स्टाफ और नवजात को बचान के लिए जुट गए। देर रात तक सभी का रेस्क्यू कर लिया गया। एक नवजात मृत मिला था। जबकि बचाए गए 12 नवजात बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान छह नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया।

दमकल विभाग के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया कि भूतल समेत तीन मंजिला इमारत पूरी तरह से आग की लपटों में घिरी हुई थी। इमारत के बाहर खड़ी एक वैन भी पूरी तरह से जल चुकी थी। मौके पर हाहाकार के बीच दमकल कर्मी तुरंत आग बुझाने में जुट गए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा कि विवेक विहार, दिल्ली के एक अस्पताल में आग लगने से अनेक बच्चों की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है। ईश्वर शोक संतप्त माता-पिता एवं परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें। मैं इस घटना में घायल हुए अन्य बच्चों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी नवजात बच्चों की मौत पर दुख जताते हुए पोस्ट की है। उन्होंने लिखा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। इस हादसे में जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया उनके साथ हम सब खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का जिम्मेदार होगा वो बख्शा नहीं जाएगा।

खिड़कियां तोड़कर निकाले गए नवजात

शाहदरा जिले के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर में आग लगते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। शोर शराबे के बीच स्थानीय लोग मदद के लिए भागे। देखते ही देखते आग ने ऊपरी मंजिल को अपनी चपेट में ले लिया। आसपास के लोगों ने पुलिस और दमकल विभाग के साथ मिलकर इमारत के पीछे की ओर की खिड़कियां तोड़ीं और किसी तरह वहां से नवजात बच्चों को एक-एक कर निकाला। एक नवजात मृत मिला। जबकि बचाए गए सभी नवजात बच्चों को दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां, इलाज के दौरान छह नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया। पांच की हालत गंभीर बनी हुई है।

मालिक पर की गई कार्रवाई

सभी सात शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल भेज दिया गया है। अस्पताल के मालिक नवीन किची निवासी 258, भरोन एन्क्लेव, पश्चिम विहार, दिल्ली के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

एलजी ने मुख्य सचिव से जांच कराने को कहा

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एक्स पर लिखा, दिल्ली में बच्चों के अस्पताल में आग लगने की दुखद घटनाओं की मुख्य सचिव से जांच कराने को कहा है। साथ ही पुलिस कमिश्नर को सभी आवश्यक चीजें सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं सभी को राहत का आश्वासन देता हूं और सुनिश्चित करूंगा कि दोषियों को सजा दी जाए।

आंखों देखी

अवैध ऑक्सीजन की रिफलिंग, चार सिलेंडर फटे

एक स्थानीय मुकेश बंसल नाम ने बताया कि बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अवैध ऑक्सीजन सिलेंडर रीफिलिंग का काम चलता था। पार्षद से इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। यह सब पुलिस की नाक के नीचे हो रहा था। मुकेश पहले हॉस्पिटल के बगल में रहते थे। हालांकि, सिलेंडर रीफिलिंग के कारण वे दूसरी गली में रहने चले गए। शहीद सेवा दल के एक सदस्य ने दावा किया कि आग लगते ही हॉस्पिटल के सभी कर्मचारी बच्चों को छोड़कर भाग गए। पहला सिलेंडर फटकर बिल्डिंग के अंदर गया, जिससे आग लग गई। उसके बाद एक के बाद एक तीन और सिलेंडर ब्लास्ट हुए।

परिजन बोले- नहीं मिला रहा बच्चा

घटना के बाद अपने बच्चे की तलाश कर रही एक महिला ने बताया- मेरा बच्चा पिछले तीन दिनों से यहां भर्ती था। उसे सिर्फ बुखार था। सुबह एक रिश्तेदार से आग लगने की खबर मिली। अस्पताल से कोई जानकारी नहीं दी गई। सुबह से इधर-उधर भाग रहे हैं, लेकिन बच्चा नहीं मिल रहा है। अपने भाई के बच्चे को खोज रहे सुमित ने कहा- 20 मई को मेरे भाई के बच्चे को न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हम पुलिस स्टेशन गए और बच्चे की जानकारी मांगी। उन्होंने हमें अस्पताल जाने का कहा। एक अन्य बच्चे के एक रिश्तेदार ने बताया- कल हमने अपने बच्चे को देखा था। वे हमें यहां रहने नहीं दे रहे थे। अब हमें उसकी कोई कोई जानकारी नहीं मिल रही है। डीएन टेस्ट के बाद पहचान पाएंगे कि मृतकों में हमारा बच्चा था या नहीं।

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