एयरपोर्ट पर इस्लामिक स्टेट से जुड़े चार आतंकी धरे गए

अहमदाबाद में श्रीलंकाई नागरिक गिरफ्तार

अहमदाबाद। गुजरात पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने प्रतिबंधित संगठन इस्लामिक स्टेट से संबंध रखने के आरोप में चार श्रीलंकाई नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक श्रीलंका के ये नागरिक कथित तौर पर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के मिशन पर थे। एक अधिकारी ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए एटीएस ने रविवार रात को सरदार वल्लभाई पटेल हवाई अड्डे पर आतंकवादियों को पकड़ लिया। ये लोग श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से चेन्नई होते हुए अहमदाबाद पहुंचे थे। गुजरात के पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने कहा कि ये लोग आईएस के आदेश पर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत आए थे। सहाय ने कहा कि एटीएस की टीम ने आरोपियों के पास से जब्त किए गए मोबाइल फोन में मिली जानकारी और तस्वीरों के आधार पर शहर के नाना चिलोडा इलाके में एक स्थान पर लावारिस पड़ी पाकिस्तान निर्मित तीन पिस्तौल और 20 कारतूस भी बरामद किए हैं। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि उन्हें उनके पाकिस्तानी आकाओं ने हथियारों को इकट्ठा करने का निर्देश दिया था।

श्रीलंका से चेन्नई फिर अहमदाबाद

आरोपियों की पहचान मोहम्मद नुसरत (35), मोहम्मद फारुख (35), मोहम्मद नफरान (27) और मोहम्मद रासदीन (43) के रूप में की गयी है। इन्होंने कोलंबो से उड़ान भरी और रविवार तड़के चेन्नई पहुंचे। इसके बाद आतंकवादियों ने अहमदाबाद के लिए दूसरी उड़ान ली, जहां वे रविवार रात करीब आठ बजे उतरे। इन लोगों ने जांचकर्ताओं को सूचित किया कि वे पहले प्रतिबंधित श्रीलंकाई कट्टरपंथी आतंकवादी संगठन, नेशनल तौहीत जमात (एनजेटी) से जुड़े थे, और अपने पाकिस्तानी आका अबू बक्र अल बगदादी के संपर्क में आने के बाद आईएस में शामिल हो गए।

भारत में फैलाना चाहते थे दहशत

पुलिस महानिदेशक सहाय ने कहा, ये आतंकी इस साल फरवरी में अबू (पाकिस्तान में आईएस के नेता) के संपर्क में आए और सोशल मीडिया के माध्यम से उसके संपर्क में रहे तथा विचारधारा से प्रभावित होकर पूरी तरह से कट्टरपंथी बन गए। आतंकवादियों के आका नेता ने उन्हें भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने का आदेश दिया, जिस पर वे सहमत हो गए और यहां तक कि आत्मघाती बम विस्फोट करने के लिए भी तत्परता दिखाई। इन लोगों को भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए श्रीलंकाई मुद्रा में चार लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

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