12 राज्यों में बिजली संकट, पॉवर प्लांट तक पहुंचेगा कोयला, दूर होगा ‘अंधेरा’

— हाईलेवल मीटिंग, रेल-कोयला-ऊर्जा मंत्री के साथ जुटे आला अफसर

–केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बीच बैठक में बिजली संकट पर मंथन

–केंद्रीय मंत्रियों के साथ अफसरों ने संकट के लिए ढूंढा समाधान

इंट्रो

देश के 12 राज्यों में बिजली संकट गहरा गया है। ऐसे में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में बिजली संकट पर मंथन किया गया। देश में करीब 70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स होता है। देश में कोयले से चलने वाले 150 बिजली के प्लांट्स है। सूत्रों का दावा है कि बिजली संकट को दूर करने रेलवे पॉवर प्लांट तक कोयला पहुंचाएगा।


नई दिल्ली।

कोयल की कमी से बिजली संकट

थर्मल प्लांट में कोयले की कमी से राज्यों को बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। लगातार बढ़ती गर्मी के चलते बिजली की मांग भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में थर्मल प्लांट पर और ज्यादा दबाव पड़ रहा है। इसके अलावा कुछ राज्यों द्वारा कोयला कंपनियों को भुगतान में देरी की वजह से भी कोयला आपूर्ति प्रभावित हुई है।


बिजली की खपत 13.6 फीसदी बढ़ी

बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में बिजली की खपत अप्रैल में सालाना आधार पर 13.6 प्रतिशत बढ़कर 132.98 अरब यूनिट हो गई। गर्मी की शुरुआत और आर्थिक गतिविधियों में तेजी के चलते यह बढ़ोतरी हुई। पिछले साल अप्रैल में बिजली की खपत 117.08 बीयू थी, जबकि 2020 के इसी महीने में यह आंकड़ा 84.55 बीयू था। दूसरी ओर इस साल अप्रैल में बिजली की पीक मांग 207.11 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्च स्तर पर रही।

सीआईएल ने बिजली क्षेत्र को 16% बढ़ाई कोयले की आपूर्ति

सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लिमिटेड ने कहा कि उसने पिछले महीने बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति 15.6 प्रतिशत बढ़ाकर 4.97 करोड़ टन कर दी। कंपनी ने कहा कि बिजली संयंत्रों में कोयले की बढ़ती मांग के कारण ऐसा किया गया और आगे आपूर्ति बढ़ाने के उपाए किए जा रहे हैं। सीआईएल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश के कई हिस्से बिजली संकट से जूझ रहे हैं।

70 फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से

देश में लगभग 70फीसदी बिजली का उत्पादन कोयले से चलने वाले प्लांट्स से करता है। देश में कोयले से चलने वाले 150 बिजली के प्लांट्स है। पिछले दिनों बिजली संकट गहराने पर बिजली प्लांट्स तक कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के 670 फेरे रद्द कर दिए थे।

देश में सबसे ज्यादा प्रभावित झारखंड

झारखंड सबसे ज्यादा बिजली संकट का सामना कर रहा है। झारखंड में कुल बिजली डिमांड में से 17.3फीसदी शॉर्टेज हुई। झारखंड में कोयले की कमी के पीछे की वजह कोल कंपनियों के भुगतान में देरी है। यहां तक कि झारखंड कोयले के पुराने बिल को भी नहीं चुका रहा है। वहीं, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में 11.6% शॉर्टेज रही। इसके अलावा राजस्थान को 9.6%, हरियाणा को 7.7%, उत्तराखंड को 7.6%, बिहार को 3.7% बिजली शॉर्टेज का सामना करना पड़ रहा है।

राज्यों में ऐसे हालात

कहां कैसे हालात ?

राज्य मांग पूरी हुई (एमएन में) शॉर्टेज (एमएन में) शॉर्टेज %

झारखंड 216 45.27 17.28

जम्मू-कश्मीर,लद्दाख 289.3 38.2 11.62

राजस्थान 1824 193.75 9.60

हरियाणा 1089.4 90.54 7.67

उत्तराखंड 290 23.81 7.59

बिहार 798.8 30.29 3.65

एमपी 1899 55.01 2.82

यूपी 2951 65.12 2.16

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