चुनाव आयोग का आदेश, आप बदले कैंपेन सांग

दिल्ली में सियासी गर्मी

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों के बीच चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी के कैंपेन के एक गाने पर एक्शन लिया है। आयोग ने ‘आप’ को आदेश देते हुए कहा है कि चुनावी अभियान वाले गाने में बदलाव करके उसे आयोग में फिर से जमा करें। गाने के एक बोल पर चुनाव आयोग का कहना है कि ‘आप’ के चुनावी गाने के एक नारे में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का बार-बार जिक्र आना न्यायपालिका पर संदेह पैदा करता है। चुनाव आयोग का कहना है कि यह आयोग की गाइडलाइन का उल्लंघन करता है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है। बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाला मामले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। इस पर ‘आप’ का कहना था कि अरविंद केजरीवाल को इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि भाजपा नहीं चाहती है कि वो लोकसभा चुनाव में प्रचार करें।

एक नारे पर जताई आपत्ति

लोकसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी ने कैंपेन के लिए एक गाना बनाया है। इस गाने में एक नारा है जिसमें कहा जा रहा है कि, जेल का जवाब हम वोट से देंगे। ‘आप’ के कैंपेन के इस गाने के दौरान अरविंद केजरीवाल की जेल की एक काल्पनिक तस्वीर भीड़ पकड़े हुए दिख रही है। इस वाक्य को गाने में कई बार इस्तेमाल किया गया है। चुनाव आयोग ने गाने के इस बोल पर आपत्ति जताते हुए उसमें बदलाव करने के लिए कहा है।

आप ने कहा- यह भाजपा का षड्यंत्र

आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने इसे भाजपा का षड्यंत्र बताया है। आतिशी ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी पार्टी के कैंपेन सॉन्ग पर प्रतिबंध लगाया गया है। आतिशी ने का कहा कि चुनाव आयोग भाजपा द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन को अनदेखा कर रहा है।

इधर, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष का इस्तीफा

लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को झटका देते हुए वरिष्ठ नेता अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसकी एक वजह आम आदमी पार्टी से गठबंधन को बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दिल्ली इकाई गठबंधन के खिलाफ थी लेकिन पार्टी आलाकमान ने गठबंधन को स्वीकृति दे दी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को शनिवार को भेजे अपने इस्तीफा पत्र में लवली ने यह भी कहा कि वह अपने आप को ‘लाचार’ महसूस कर रहे थे क्योंकि दिल्ली इकाई के वरिष्ठ नेताओं द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए सभी फैसलों पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया रोक लगा देते थे। लवली के इस्तीफे से कुछ दिन पहले बाबरिया के साथ विवाद के बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री और एआईसीसी सदस्य राजकुमार चौहान ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।

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