नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता देने का प्रस्ताव लाया गया था। अल्जीरिया ने ये प्रस्ताव लाया था। इस प्रस्ताव को अब यूएस ने रोक दिया है। 15 सदस्ययों वाली सुरक्षा परिषद में फिलिस्तीन के पक्ष में 12 वोट पड़े, जबकी 2 सदस्य अनुपस्थित रहे. फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनने के लिए 9 वोटों की जरूरत थी लेकिन यूएस के वीटो करने के बाद वे बहुमत से ज्यादा वोट लेने के बाद भी पूर्ण सदस्य नहीं बन पाया है। गाजा पर इजराइल के हमलों में जिस तरह से तबाही हूई है उससे उम्मीद की जा रही थी कि इस बार अमेरिका प्रस्ताव पर वीटो नहीं करेगा। लेकिन अमेरिका अपने पुराने रुख पर कायम रहा और इजराइल का साथ देते हुए अपने वीटो का इस्तेमाल कर इस प्रस्ताव को रोक दिया। इजराइल ने भी अमेरिका के इस कदम की प्रशंसा की है।
सदस्यता हमास को गिफ्ट देने के समान-इजराइल
प्रस्ताव न पारित होने पर इजराइल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सात अक्तूबर के हमले के बाद फिलिस्तीन को यूएन सदस्यता देना हमास को अवार्ड देने के बराबर होता। फिलिस्तीन अथॉरिटी ने आज तक 7 अक्तूबर के हमले की नहीं की है। पूर्ण सदस्यता के लिए यह फिलिस्तीन का दूसरा प्रयास है। गाजा युद्ध ने 75 साल से ज्यादा पुराने इजरायल-फिलिस्तीनी विवाद को फिर से केंद्र में ला दिया है। इसको हल करने के लिए यूएन के साथ कई और देशों ने कदम उठाए हैं।
नहीं बन पाया 194वां सदस्य
इस समया संयुक्त राष्ट्र में 193 देश पूर्ण सदस्य हैं। फिलिस्तीन को अभी ऑब्जर्वर (गैर सदस्य प्रेक्षक) का दर्जा प्राप्त है। बता दें फिलिस्तीन को 140 देश पहले से राष्ट्र का दर्जा दे चुके हैं। ऐसे में प्रस्ताव पास होने के बाद फिलिस्तीन का पूर्ण सदस्य बनना आसान था।
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