धनशोधन मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को कहा कि उसने कथित पोंजी योजना से जुड़े धनशोधन की जांच के सिलसिले में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा के करीब 98 करोड़ रुपए के शेयरों के अलावा एक बंगले और एक फ्लैट को कुर्क किया है। संघीय एजेंसी ने दंपति की संपत्ति कुर्क करने के लिए धनशोधन रोकथाम कानून के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया। यह मामला बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल के जरिए निवेशक निधि में धोखाधड़ी से जुड़ा है। संघीय एजेंसी ने एक बयान में बताया कि कुर्क संपत्ति में अभी शेट्टी के नाम पर जुहू (मुंबई) में एक रिहायशी फ्लैट और कुंद्रा के नाम पर पुणे में एक रिहायशी बंगला तथा इक्विटी शेयर शामिल हैं। उसने बताया कि इन संपत्तियों की कीमत 97.79 करोड़ रुपए है।
दंपति के एक वकील ने बताया कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बनता है और वे प्राधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे। धन शोधन का यह मामला वैरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी, दिवंगत अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वज, सिम्पी भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और कई एजेंट के खिलाफ महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस की प्राथमिकियों से निकला है। प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने बिटकॉइन के रूप में प्रति माह 10 प्रतिशत रिटर्न के झूठे वादे के साथ भोली-भाली जनता से बिटकॉइन (2017 में 6,600 करोड़ रुपए मूल्य) के रूप में भारी मात्रा में धनराशि एकत्र की थी। ईडी ने आरोप लगाया कि इन प्रवर्तकों ने निवेशकों से धोखाधड़ी की। उसने दावा किया कि कुंद्रा ने यूक्रेन में एक बिटकॉइन माइनिंग फार्म लगाने के लिए गेन बिटकॉइन पोंजी के मास्टरमाइंड और प्रोमोटर अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन प्राप्त किए। उसने कहा कि ये बिटकॉइन भोले-भाले निवेशकों से अमित भारद्वाज द्वारा एकत्रित की गयी ‘अपराध की आय’ से प्राप्त किए गए थे। ईडी ने दावा किया, चूंकि यह सौदा नहीं हो पाया तो कुंद्रा के पास अब भी 285 बिटकॉइन हैं जिनकी कीमत अभी 150 करोड़ रुपये से अधिक है।
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न्यायपालिका में पूरा भरोसा
शेट्टी और कुंद्रा के वकील ने कहा कि वे अपने मुवक्किल की आजादी और संपत्ति की रक्षा करने के लिए पीएमएलए के अनुसार कानून की उचित प्रक्रिया का पालन करेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। वकील प्रशांत पाटिल ने एक बयान में कहा, हमारा न्यायपालिका में पूरा भरोसा है। मुझे विश्वास है कि जब हम माननीय प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष अपना उचित पक्ष रखेंगे तो जांच एजेंसियां भी हमें न्याय दे सकती हैं। इसमें कहा गया है, हमारा निष्पक्ष जांच में भरोसा है।
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मुख्य आरोपी अभी भी फरार
ईडी ने पिछले साल इस मामले में सिम्पी भारद्वाज, नितिन गौड़ और निखिल महाजन को गिरफ्तार किया था। वे अभी न्यायिक हिरासत में जेल में हैं। ईडी ने बताया कि मुख्य आरोपी अजय भारद्वाज और महेंद्र भारद्वाज फरार हैं। उसने पहले भी मामले में 69 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की थी। मामले में अभी तक दो आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं। पहला आरोपपत्र जून 2019 में और दूसरा इस साल फरवरी में दाखिल किया गया।
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