12 बजे अभिजीत मुहूर्त में पहुंची किरणें
3 मिनट तक रामलला के माथे पर रही सूर्य किरण
अद्भुत क्षण के साक्षी बने करोड़ों रामभक्त
आदित्य एल-1 बनाने वाले संस्थान के वैज्ञानिकों ने तैयार किया सिस्टम
अयोध्या में अब हर साल रामनवमी पर होगा ‘सूर्य तिलक’
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अयोध्या। रामनवमी के अवसर पर बुधवार को अयोध्या में रामलला का ‘सूर्य तिलक’ दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत तंत्र के माध्यम से किया गया। इस तंत्र के जरिए सूर्य की किरणें राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं। सीएसआईआर-सीबीआरआई, रुड़की के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. डी पी कानूनगो ने कहा, योजना के अनुसार दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया। गर्भगृह के बाहर इंतजार कर रहे भक्तों ने ‘सूर्य तिलक’ के दौरान भगवान राम के नारे लगाए, जबकि पुजारी ने अंदर आरती की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस अवसर पर राम लला की मूर्ति को टिकाऊ कीमती रत्नों से बना मुकुट पहनाया गया। मुकुट एप्पल ग्रीन डायमंड द्वारा बनाया गया था, जो एक ऐसी कंपनी है जो पुन: क्रिस्टलीकृत रत्नों में माहिर है।
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पीएम ने भी देखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान ‘सूर्य तिलक’ देखा। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का यह बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है।
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योगी ने साझा किया वीडियो
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक हैंडल ‘एक्स’ पर ‘सूर्य तिलक’ का एक वीडियो साझा किया। उन्होंने लिखा, सत्यसंधान, निर्वानप्रद, सर्वहित, सर्वगुण-ज्ञान-विज्ञानशाली। सघन-तम-घोर-संसार-भर-शर्वरी नाम दिवसेश खर-किरणमाली॥ उन्होंने कहा, सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य ‘सूर्य तिलक’ आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है। जय जय श्री राम।
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चार लेंस, चार शीशे और सबकी सही पोजिशन हुई कारगर
सूर्य तिलक के लिए सूरज की रोशनी को श्रीरामलला की मूर्ति के माथे के बीचो-बीच पहुंचाने के लिए चार लेंस और चार शीशे की जरूरत पड़ी। अभी यह सिस्टम अस्थाई तौर पर लगा है। जब मंदिर की संरचना पूरी हो जाएगी, तब इस सिस्टम को स्थाई तौर पर लगा दिया जाएगा, ताकि हर साल रामनवमी पर श्रीराम के ललाट का तिलक होता रहे।
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