— इजरायल ने बुलाई आपात बैठक, भारत ने कहा-पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा
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खास बातें
00 हमले के बाद जर्मनी और जॉर्डन ने ईरान के राजदूत को किया समन
00 ईरान बोला- इजराइल पर बड़ा हमला न करने के लिए अमेरिका हमारी तारीफ करे
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इंट्रो
ईरान ने बड़े पैमाने पर इजरायली धरती पर ड्रोन हमले किए हैं। ऐसा दावा किया जा रहा है कि ईरान से इजरायली धरती को निशाना बनाते हुए 300 से अधिक ड्रोन छोड़े गए। इजरायल इस हमल पर बुरी तरह भड़का हुआ है। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने वॉर कैबिनेट बुलाई है। उधर, यूएन ने भी आपातकालीन बैठक की है। भारत ने इस हमले से शांति और सुरक्षा को खतरा बताया है।
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नई दिल्ली। इजरायल को हमले को कितना नुकसान हुआ, इसका सटीक अंदाजा अभी सामने नहीं आया लेकिन, इजरायल ने अभी भी अलर्ट मोड पर रहने का फैसला लिया है। इजरायली सरकार का मानना है कि ईरान अभी और हमले कर सकता है। उधर, इजरायल पर हमले को बाद अमेरिका और ब्रिटेन जैसे ताकतवर मुल्कों ने नेतन्याहू को अपना समर्थन दिया है। आधी दुनिया ईरान पर भड़की हुई है। हालांकि ईरान ने इस अटैक को कुछ दिन पहले सीरिया पर उसके दूतावास पर हुए हमले का जवाब बताया है।
ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने कहा कि उसने रविवार इजरायल पर दर्जनों ड्रोन और मिसाइलें लॉन्च कीं। ईरान के इस कदम की पहले से ही आशंका जताई जा रही थी और अब ईरान के अटैक के बाद दुनिया के सामने दुश्मनी का नया चैप्टर खुल गया है। फिलिस्तीनी आतंकियों के साथ ईरान संग नई दुश्मनी से इजरायल बड़ी तैयारी कर रहा है।
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान के हमले पर कहा, हाल के वर्षों में और विशेष रूप से हाल के हफ्तों में, इज़रायल ईरान द्वारा सीधे हमले की तैयारी कर रहा है। हमारी रक्षात्मक प्रणालियां तैनात हैं। हम रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह से किसी भी स्थिति के लिए तैयार हैं। इज़राइल काफी मजबूत राष्ट्र है और हमारे पास दुनिया की सर्वश्रेष्ठ आर्मी है।
उधर, हमले के बाद इजरायल को अमेरिका और ब्रिटेन का समर्थन मिला है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सारे काम छोड़कर इजरायल के साथ होने की घोषणा कर चुके हैं। नेतन्याहू ने कहा हम इजरायल के साथ खड़े अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन, फ्रांस और कई अन्य देशों के समर्थन की सराहना करते हैं। हमने एक स्पष्ट सिद्धांत निर्धारित किया है। जो कोई भी हमें नुकसान पहुंचाएगा, हम उन्हें नुकसान पहुंचाएंगे। हम किसी भी खतरे से अपनी रक्षा करेंगे।
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इजरायल को अभी और हमले की आशंका
एक तरफ जो बाइडेन की तरफ से बयान आया है कि अमेरिका और इजरायल दोनों ने मिलकर ईरानी हमले को नाकाम कर दिया है। बाइडेन ने कहा कि ईरान के सभी छोड़े गए ड्रोन नष्ट किए जा चुके हैं। हालांकि इजरायल को लगता है कि ईरान चुप नहीं रहने वाला है। इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलांट ने कहा कि उन्हें अभी भी ईऱान की तरफ से हमले की आशंका है। इसलिए हम अलर्ट पर हैं। हमने अपनी सीमाएं और मजबूत कर ली हैं और आर्मी, एयरफोर्स को अलर्ट रखा है।
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सुनक-ट्रूडो ने ईरानी हमले की निंदा की
इजरायल पर हमले के बाद ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों ने ईरान की निंदा की है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा, मैं इजरायल के खिलाफ ईरानी शासन के लापरवाह हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। ईरान ने एक बार फिर दिखाया है कि वह खुद ही अराजकता बोने का इरादा रखता है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, कनाडा स्पष्ट रूप से इजरायल के खिलाफ ईरान के हवाई हमलों की निंदा करता है। हम इजरायल के साथ खड़े हैं। हमास के क्रूर 7 अक्टूबर के हमले का समर्थन करने के बाद, ईरान की ओर से यह अगला निंदकीय कार्य है। इसी तरह जर्मनी, फ्रांस, यूरोपीय काउंसिल, स्पेन, नीदरलैंड, डेनमार्क, नार्वे, चिली और मैक्सिको समेत कई देशों ने ईरान के इजरायल पर हमले की कड़ी निंदा की है।
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इजरायल और ईरान की बढ़ती शत्रुता से भारत चिंतित
ईरान के इजरायल पर हमले को लेकर भारत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि भारत इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित है। इससे पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, \”हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं। तनावग्रस्त क्षेत्र में हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ निकट संपर्क में हैं।
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ईरान को जवाब देगा इजरायल, जल्द होगा फैसला
इजरायल पर ईरान के हमले के बाद इजराइली वॉर कैबिनेट की मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी है कि ईरान को जवाब दिया जाना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक, यह कब और कैसे होगा, इसका फैसला नहीं हो पाया है। ईरान पर पलटवार को लेकर एक बार फिर इजराइल में वॉर कैबिनेट की मीटिंग हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान सभी सदस्य देशों में तीखी बहस हुई। इजराइली अधिकारियों के मुताबिक कैबिनेट के सदस्य बेनी गांट्ज ने सुझाव दिया कि ईरान पर हमला होना चाहिए। पर वो ऐसा नहीं हो जिसमें लोगों की जान जाए।
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