सरबजीत को मारने वाले आतंकी की पाक में हत्या

बाइक सवारों ने मारी गोली

नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी एवं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा की रविवार को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। सूत्रों ने बताया कि ताम्बा पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में हमला किया और उसे नाजुक हालत में एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर, ताम्बा सहित अन्य कैदियों द्वारा किए गए बर्बर हमले के कुछ दिनों बाद सिंह (49) की दो मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। हमले के बाद, करीब एक हफ्ते तक सिंह अचेत रहे थे। ताम्बा का जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था और वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक का करीबी सहयोगी है।

अनजाने में ही पाक पहुंच गए थे सरबजीत

बता दें कि, सरबजीत सिंह भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तरनतारन जिले के भिखीविंड गांव के रहने वाले किसान थे। 30 अगस्त 1990 को वह अनजाने में पाकिस्तानी सीमा में पहुंच गए थे। यहां उन्हें पाकिस्तान आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। लाहौर और फैसलाबाद में हुए बम धमाके का आरोपी बनाकर सरबजीत सिंह को जेल में बंद कर दिया गया।

जेल में की गई भी सरबजीत की हत्या

पाकिस्तानी कैदियों के एक समूह ने भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला किया था। सिंह को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कई बम विस्फोटों में संलिप्त रहने का कथित तौर पर दोषी पाया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी।

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