-10 साल से बीजेपी का कब्जा
(फोटो : पीएम)
प्रयागराज। प्रयागराज को ‘प्रधानमंत्रियों का शहर’ कहने के पीछे की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, इस जिले में कुल दो लोकसभा सीटें आती हैं। एक प्रयागराज और दूसरी फूलपुर. इन जिले की दोनों सीटों से लोकसभा चुनाव जीतने वाले कुल तीन नेता देश के प्रधानमंत्री बने। सबसे पहले नाम आता है पंडित जवाहर लाल नेहरू का, दूसरे हैं लाल बहादुर शास्त्री, और तीसरे हैं विश्वनाथ प्रताप सिंह। वहीं इस शहर से निकले कुल 7 नेता ऐसे रहे, जो आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने।
संगमनगरी से निकले कई प्रधानमंत्री
गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम के लिए मशहूर प्रयागराज की धरती से कई प्रधानमंत्री निकले। आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू यहीं से थे। उनके पिता मोती लाल नेहरू यही रहते थे। यहां का आनंद भवन उनका निवास था। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी इसी शहर से चुनाव जीते। नेहरू के अलावा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी कभी यहीं रहा करते थे। आगे चलकर इंदिरा और राजीव भी देश के प्रधानमंत्री बने। इतना ही नहीं, देश के प्रधानमंत्री रहे वी पी सिंह यानि विश्वनाथ प्रताप सिंह भी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे। इसी तरह चंद्रशेखर और गुलजारी लाल नन्दा ने भी यहीं से अपनी पढ़ाई की थी। ये दोनों भी आगे चलकर देश के प्रधानमंत्री बने. इस तरह आजादी से अब तक इलाहाबाद की धरती से निकले कुल 7 नेता इस देश के प्रधानमंत्री बने। यही नहीं प्रयागराज लोकसभा सीट से बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन भी चुनाव लड़कर सांसद रह चुके हैं। इसी तरह समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी भी यहां से सांसद रहे हैं।
भाजपा लगाएगी हैट्रिक!
इलाहाबाद लोकसभा सीट पर दो बार से लगातार भाजपा जीत रही है। वर्तमान में यहां से रीता बहुगुणा जोशी सांसद है। दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2014 के चुनाव में सपा के पूर्व सांसद श्यामाचरण गुप्ता ने बीजेपी का दामन थाम लिया और चुनाव मैदान में उतरे। उन्होंने सपा के ही कुंवर रेवती रमण सिंह को चुनाव हरा दिया। इसके बाद के चुनाव यानि वर्ष 2019 में कांग्रेस नेता रीता बहुगुणा जोशी, भाजपा में शामिल हो गईं और भाजपा के टिकट पर यहां से सांसद बन गईं। अब इस बार आईएनडी गठबंधन से उज्जवल रमण सिंह मैदान में हैं। वह सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने अभी तक यहां अपना उम्मीदवार नहीं घोषित किया है। अब देखना यह है कि भाजपा यहां से किस चेहरे पर दांव लगाती है। उज्जवल रमण सिंह, सपा के कद्दावर नेता व पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह के पुत्र हैं।
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