-ब्रिटिश अखबार ने किया दावा
नई दिल्ली। पाकिस्तान में पिछले कुछ सालों में एक के बाद एक भारत के दुश्मन अचानक गायब हो रहे हैं। अब इसको लेकर एक ब्रिटिश अखबार ने अपनी खबर में चौंकाने वाला दावा किया है। द गार्जियन ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस (पीएमओ) ने पाकिस्तान में आतंकियों की हत्या का आदेश दिया है। रिपोर्ट में भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों के हवाले से ये दावा किया गया है। इसके मुताबिक, भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने “विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने” की रणनीति बनाई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रॉ को सीधे पीएम मोदी के कार्यालय द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इसमें ये भी कहा गया है कि रॉ अपनी इजरायली समकक्ष मोसाद के नक्शेकदम पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की खुफिया एजेंसी ने कथित तौर पर 2019 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया और विदेशों में हत्याएं करना शुरू कर दिया। बता दें कि यह तीसरी बार है जब भारत पर विदेशी धरती पर लोगों की हत्या या हत्या का प्रयास करने का आरोप लगाया गया है। इससे पहले, कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे। बाद में, अमेरिका ने भी यह दावा किया था कि उन्होंने एक अन्य खालिस्तानी अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नून की हत्या के प्रयास को विफल कर दिया था।
सफाया कर रहे भारतीय स्लीपर सेल
रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा दस्तावेजों से पता चलता है कि भारत के दुश्मनों को भारतीय खुफिया स्लीपर सेल खत्म कर रही है। ये स्लीपर सेल ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से ऑपरेट करती है। ये लोग उनका सफाया कर रहे हैं जिन्हें पीएम मोदी के ऑफिस ने भारत का दुश्मन बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्लीपर सेल ने हत्याओं को अंजाम देने के लिए स्थानीय अपराधियों या गरीब पाकिस्तानियों को लाखों रुपये दिए हैं। 2023 के बाद से इन मौतों में बढ़ोतरी देखी गई है। भारतीय एजेंटों ने गोलीबारी को अंजाम देने के लिए कथित तौर पर जिहादियों को भी भर्ती किया।
पुलवामा हमले का असर
द गार्जियन की रिपोर्ट में खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि भारत के बाहर मौजूद आतंकवादियों पर रॉ का ध्यान 2019 में पुलवामा हमले से शुरू हुआ था। एक भारतीय खुफिया अधिकारी ने गार्जियन को बताया, “पुलवामा के बाद हमारी रणनीति पूरी तरह से बदल गई। अब रणनीति ये है कि देश पर हमले करने से पहले उन्हें बाहर ही निपटा दिया जाए।
मोसाद और जमाल खशोगी की हत्या कनेक्शन
खुफिया अधिकारी के अनुसार, 2018 में इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या ने भारत को भी प्रेरित किया। अधिकारी ने बताया, “जमाल खशोगी की हत्या के कुछ महीने बाद प्रधानमंत्री कार्यालय में खुफिया विभाग के शीर्ष अधिकारियों के बीच इस बात पर बहस हुई थी कि इस मामले से कैसे कुछ सीखा जा सकता है। अधिकारी ने कहा कि भारत ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद और रूस की केजीबी से प्रेरणा ली है। इन एजेंसियों के बारे में कहा जाता है कि ये अपने दुश्मनों को विदेशी धरती पर ही खत्म कर देते हैं।
पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी ने कबूला
दो अलग-अलग पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि उन्हें 2020 के बाद से 20 हत्याओं में भारत की संलिप्तता का संदेह है। उन्होंने सात मामलों की ओर इशारा किया जिनमें पूछताछ की गई और इससे संबंधित सबूत जुटाए गए। इसमें गवाहों की गवाही, गिरफ्तारी रिकॉर्ड, वित्तीय विवरण, व्हाट्सएप चैट और पासपोर्ट शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि सबूत भारत की ओर इशारा कर रहे हैं कि कैसे वह पाकिस्तान में कत्लेआम मचा रहा है।
9999999
भारत ने किया आरोपों का खंडन, जयशंकर बोले- यह हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा
ब्रिटिश अखबार ‘द गार्जियन’ ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत पर पाकिस्तान में टारगेट किलिंग के आरोप लगाए हैं। इस पर विदेश मंत्री एस जयशकंर ने कहा, “टारगेट किलिंग करना भारत की विदेश नीति में नहीं है।”वहीं, विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि आरोप झूठे हैं और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है।
0000000000000000000

