सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
नई दिल्ली आयकर विभाग ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय में कहा कि वह करीब 3,500 करोड़ रुपए के कर मांग नोटिस के संबंध में लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का यह बयान दर्ज किया कि मामले पर अंतिम फैसला आने तक मौजूदा परिस्थितियों में तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने कहा, इस आवेदन पर सुनवाई की शुरुआत में, प्रतिवादी विभाग की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि मार्च 2024 के महीने में कई तारीखों पर अपीलकर्ता के खिलाफ लगभग 3,500 करोड़ रुपये की मांग की गई है। उसने कहा, आगे (एसजी तुषार मेहता द्वारा) दलील दी गई कि इन अपीलों में जो मुद्दे सामने आए हैं, उन पर अभी फैसला सुनाया जाना बाकी है, लेकिन अब की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, विभाग इस मामले को तूल नहीं देना चाहता है क्योंकि प्रतिवादी विभाग द्वारा लगभग 3500 करोड़ रुपये की उपरोक्त मांग के संबंध में कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। पीठ ने अलग-अलग कर मांग नोटिस पर कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई को 24 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया। कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस रुख की सराहना करते हुए कहा कि अलग-अलग वर्ष के लिए सारे मांग नोटिस फरवरी और मार्च में जारी किए गए जो कुल 3500 करोड़ रुपये के थे। उन्होंने कहा, मैं बहुत कम ही निशब्द रहता हूं। लेकिन मेरे जानकारी मित्र के हस्तक्षेप से मैं निशब्द रह गया हूं। कृपया इसे जुलाई में लें।
कुल 3,567 करोड़ रुपए की डिमांड
कांग्रेस ने रविवार को कहा था कि उसे आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला, जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपए के कर की मांग की गई है। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल 3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग की जा चुकी है।
00000

