फटकार के बाद राज्यपाल ने दिलाई पोनमुडी को शपथ

-तमिलनाडु का सियासी घटनाक्रम

(फोोट : शपथ)

चेन्नई। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी- द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) के वरिष्ठ विधायक के. पोनमुडी को आज मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने पोनमुडी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शपथ दिलाई। दोपहर के बाद राजभवन में संक्षिप्त शपथग्रहण समारोह आयोजित किया गया। सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को यह कामयाबी मिली है।स्टालिन लंबे समय से पोनमुडी को अपनी कैबिनेट में शामिल करने का प्रयास कर रहे थे। दरअसल, राज्यपाल ने पोनमुडी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का हवाला देते हुए उन्हें शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, 24 घंटे के भीतर फैसला लेने का फरमान

इससे एक दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने पोनमुडी को राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में फिर से शामिल करने से इनकार करने को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि के आचरण पर गुरुवार को गंभीर चिंता व्यक्त की थी। शीर्ष अदालत ने राज्यपाल को 24 घंटे के भीतर निर्णय लेने का निर्देश देते हुए कहा था कि वह न्यायालय की अवहेलना कर रहे हैं। तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने डीएमके नेता के. पोनमुडी को मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करने पर सहमति दे दी है। अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल की अदालत की अवमानना की कोई मंशा नहीं है।

चीफ जस्टिस की पीठ में हुई थी सुनवाई

वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ से कहा कि राज्यपाल ने पोनमुडी को मंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए अपराह्न 3.30 बजे बुलाया है। पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। अटॉर्नी जनरल ने पीठ से कहा, ‘राज्यपाल ने कहा है कि उनकी अदालत की अवमानना की जरा भी मंशा नहीं है।’

राज्यपाल रवि के रुख पर शीर्ष अदालत चिंतित

सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पोनमुडी को राहत दी थी। दोषसिद्धि को निलंबित किए जाने के बाद भी राज्यपाल रवि ने उन्हें मंत्री के रूप में राज्य मंत्रिमंडल में पुन: शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने गवर्नर के इस रुख पर गहरी चिंता प्रकट की थी। अदालत ने उन्हें 24 घंटे के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

अदालत का सवाल

मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सिफारिश के बावजूद राज्यपाल ने पोनमुडी को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल करने से मना कर दिया था। शीर्ष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में उनकी दोषसिद्धि और तीन साल कारावास की सजा पर रोक लगा दी थी। शीर्ष अदालत की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि राज्यपाल कैसे कह सकते हैं कि पोनमुडी की दोबारा नियुक्ति संवैधानिक नैतिकता के खिलाफ होगी।

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