बदायूं। बदायूं में दो मासूम बच्चों (12 साल के आयुष और छह साल के आहान) के कत्ल का आरोपी साजिद जिस बेरहमी से पेश आया उससे हर कोई दंग है। मंगलवार की शाम दोनों बच्चों की हत्या के बाद बदायूं में तनाव फैल गया। तोड़फोड़ और आगजनी के बाद बीच साजिद की घेराबंदी में कामयाब रही पुलिस ने उसे एनकाउंटर में मार गिराया लेकिन लोगों के जेहन में अभी तक सिर्फ यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर साजिद की बच्चों से दुश्मनी क्या थी? इसमें बचे तीसरे भाई पीयूष ने दिल दहलाने वाली इस वारदात की आपबीती बताई है। पीयूष ने कहा, जब मैं ऊपर गया तो उन्होंने मेरा मुंह पकड़ लिया। इस दौरान मैं चाकू के हमले से घायल हो गया और मैं उन्हें (साजिद और जावेद) को धक्का देकर नीचे भाग आया। फिर मैं मम्मी और पापा को बाहर ले आया। इसके बाद दरवाजा लगा दिया। बच्चे ने आगे कहा, मेरे बड़े भाई से उन्होंने (साजिद और जावेद) चाय मंगाई और छोटे भाई से पानी मंगाया। मेरे बड़े भाई को पहले मारा और फिर छोटा भाई आया तो उसको भी मार दिया। छोटा भाई चिल्लाया तो मैं ऊपर गया था।
बच्चों की दादी, मां, साजिद के हमले के बाद जिंदा बच गए विनोद ठाकुर के तीसरे बेटे और आसपास के लोगों की बातों से अब तक जो घटनाक्रम सामने आया है उसके मुताबिक मंगलवार की शाम आरोपी साजिद और उसका भाई जावेद बाबा कॉलोनी स्थित विनोद ठाकुर के घर पहुंचे।
विनोद ठाकुर की पत्नी संगीता ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। साजिद और जावेद का सैलून उनके पड़ोस में ही था। साजिद ने संगीता और उनकी सास से बताया कि उसकी पत्नी अस्पताल में भर्ती है। उसने डिलीवरी का हवाला देते हुए पांच हजार रुपए उधार मांगे। इस पर संगीता ने अपने पति विनोद ठाकुर से फोन पर बात की और उनसे इस बारे में पूछा। पति के कहने पर उन्होंने साजिद को पांच हजार रुपए दे दिए। इसी दौरान साजिद ने चाय पीने की इच्छा जाहिर की। संगीता चाय बनाने चली गईं। उधर, साजिद मकान की तीसरी मंजिल पर चला गया। जबकि जावेद बाहर बैठ गया। बच्चे खेल रहे थे। साजिद ने एक बच्चे को दुकान से गुटखा लाने को भेज दिया। दूसरे बच्चे से उसने चाय लाने को कहा और फिर तीसरे बच्चे को पानी के लिए आवाज लगाई। बच्चा पानी लेकर ऊपर गया लेकिन थोड़ी देर बाद चीखने की आवाजें आने लगीं। साजिद पर ऐसा खून सवार था कि उसने आयुष और आहान को छुरी से काट डाला। तीसरा बेटा पीयूष गुटखा लेकर वापस पहुंचा तो उसने अपने भाइयों को बचाने की कोशिश की। आरोपी साजिद ने उस पर भी जानलेवा हमला कर घायल कर दिया। वह किसी तरह साजिद के चुंगल से छूटकर चीखता-चिल्लाता भागा और नीचे पहुंचा।
लोगों ने जमकर किया बवाल
यह घटना सिविल लाइंस थाने की मंडी पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर हुई है। इस वारदात के बाद परिजनों और स्थानीय निवासियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और एक मोटरसाइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया। सूचना पर डीएम, एसएसपी समेत अर्द्धसैनिक बल मौके पर पहुंच गया। देर रात एडीजी पीसी मीना, कमिश्नर और आईजी भी बदायूं पहुंच गए। घटना के मुख्य आरोपी साजिद को पुलिस ने पकड़ लिया लेकिन वह धक्का देकर भाग निकला। खुद को घिरा देखकर साजिद ने फायरिंग कर शुरू की तो पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आरोपी को मार गिराया।
आरोपी साजिद के एनकाउंटर की होगी जांच
बदायूं में दो मासूम बच्चों की हत्या के आरोपी साजिद के एनकाउंटर की मजिस्ट्रियल जांच होगी। डीएम मनोज कुमार ने एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच के लिए आदेश दिए हैं। डीएम ने सिटी मजिस्ट्रेट से जांच कर 15 दिन में जांच आख्या मांगी है। उधर, इस हत्याकांड में नामजद साजिद के भाई जावेद का अब तक कोई पता नहीं चला है। उसकी तलाश में पुलिस की चार टीमें लगी हुई हैं। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए साजिद के शव का पोस्टमार्टम बुधवार को कराया गया। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ में साजिद को तीन गोलियां लगी थी। दो गोली उसके सीने में लगी हैं और एक गोली उसके पेट में साइड में लगी है।
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आरोपी की मां बोली-मासूमों की हत्या का हमेशा रहेगा दुख
आरोपी साजिद की मां नाजरीन बुधवार को जिला अस्पताल की मोर्चरी पर पहुंची। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बेटे की मौत का कोई मलाल नहीं है। जो जैसा करता है, वैसा भुगतता है। मासूमों की हत्या किए जाने का दर्द हमेशा रहेगा। नाजरीन ने बताया कि बदायूं में कई साल से साजिद और जावेद हेयर सैलून चला रहे थे। साजिद ने ऐसा क्यों किया, यह वह नहीं जानतीं। न तो घर में कोई लड़ाई-झगड़ा हुआ, न ही कोई और बात बताई तो कैसे कहें कि ऐसा कृत्य क्यों किया।
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