सुबह मनोहर का इस्तीफा, दोपहर में टूटा गठबंधन, शाम को सैनी बने नए सीएम


खास बातें

00 हरियाणा की सियासत में दिन भर होती रही उठापटक

00 एक दिन पहले जेजेपी ने भाजपा से मांगी थी लोकसभा की दो सीटें

इंट्रो

हरियाणा की सियासत में मंगलवार का दिन उथल-पुथल भरा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सुबह पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही राज्य में भाजपा और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) गठबंधन टूट गया। इसके बाद तेजी से समीकरण बदले। विधायक दल की बैठक हुई और शाम को नायब सैनी हरियाणा के नए मुख्यमंत्री बन गए।


नई दिल्ली/चंडीगढ़। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हरियाणा की राजनीति में मंगलवार को हुए एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और कुछ ही देर बाद भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष नायब सिंह सैनी ने राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सैनी के साथ ही कंवरपाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, चौधरी रंजीत सिंह चौटाला, जय प्रकाश दलाल और बनवारी लाल ने मंत्री पद की शपथ ली। सैनी (54) को खट्टर का करीबी माना जाता है। अक्टूबर के अंत में मुख्यमंत्री के रूप में खट्टर का दूसरा कार्यकाल खत्म होना था। इससे पहले, भाजपा विधायक दल की बैठक में सैनी को नेता चुना गया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ और हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब देब मौजूद थे। नेता चुने जाने के बाद सैनी ने खट्टर और अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सैनी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ‘सर्वसम्मति’ से भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित अन्य नेताओं का आभार जताया। देब ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मनोहर लाल खटटर के नेतृत्व में शुरू हुए हरियाणा के विकास कार्यों को वह आगे बढ़ाते हुए राज्य को विकास के मामले में आगे लेकर जायेंगे।

ओबीसी को साधने नया दांव

अन्य पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं। पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था। राज्य में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है। माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है। सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है। वह भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था और फिर साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे। वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं। साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए।

लोकसभा चुनाव से पहले नया दांव

हरियाणा में मुख्यमंत्री को ऐसे समय में बदला गया है, जब लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में कुछ ही दिन बचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे। गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी। तब किसी को यह अनुमान भी नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा। हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी। मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने। पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खट्टर ने आज जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब राज्य मंत्रिपरिषद में उनको मिलाकर कुल 14 मंत्री थे। इसमें चौटाला सहित जजपा के तीन सदस्य भी शामिल थे।

जजपा-भाजपा में नहीं बनी बात

जजपा आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, लेकिन भाजपा दोनों सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने राज्य की सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी। दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ सीटों के बंटवारे के सिलसिले में बातचीत भी की थी, लेकिन संभवत: वह विफल रही।

भाजपा ने अपनाया नया पैंतरा

इससे पहले कि गठबंधन टूटने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा होती, भाजपा ने मुख्यमंत्री खट्टर का इस्तीफा दिला दिया। मनोहर लाल जजपा मंत्रियों को बर्खास्त कर सकती थी लेकिन भाजपा ने राजनीतिक रूप से यह निर्णय लिया कि पूरी सरकार का इस्तीफा दिया जाए। मुख्यमंत्री सहित पूरी कैबिनेट का इस्तीफा राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया।

दलीय स्थिति

90 सीटें

41 भाजपा

10 विधायक जजपा

30 कांग्रेस

6 निर्दलीय

3 अन्य

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