यूरोप में पैरेट फीवर का प्रकोप, डब्लूएचओ ने जारी किया अलर्ट

-पांच लोग गंवा चुके हैं जान

नई दिल्ली। दुनियाभर में पिछले 4 साल से ज्यादा समय से कोरोना का खतरा लगातार बना हुआ है। इस महामारी ने सेहत को कई तरह का नुकसान पहुंचाया है। टीकाकरण और हर्ड इम्युनिटी के कारण अब गंभीर कोरोना बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो गया है, लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इस संक्रामक बीमारी से सतर्क रहने की सलाह देते हैं। कोरोना के खतरे से अभी पूरी तरह निजात नहीं मिली है कि अब यूरोपीय देशों में एक और संक्रामक बीमारी कहर बरपा रही है। इस बीमारी का कारण एक पक्षी को माना जाता है। हालांकि, इस बार बीमारी का कारण चमगादड़ नहीं है।

हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूरोप के कई देशों में पैरेट फीवर का प्रकोप है और इस गंभीर बीमारी से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीमारी का शिकार हुए डेनमार्क में 4 और नीदरलैंड में 1 व्यक्ति की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ऑस्ट्रिया, जर्मनी और स्वीडन में दर्जनों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी लोगों को इस संक्रामक बीमारी के खतरे को लेकर सतर्क रहने की सलाह भी दी गई है। ..

क्या है तोता बुखार?

तोते के बुखार को सिटाकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। यह एक दुर्लभ लेकिन संभावित रूप से गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो क्लैमाइडिया सिटासी नामक जीवाणु के कारण होता है। यह संक्रमण मुख्य रूप से पक्षियों, विशेषकर तोते, कबूतर और मुर्गियों को प्रभावित करता है। संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने से इंसानों को भी संक्रमण का खतरा रहता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के आंकड़ों के अनुसार, 2010 के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल तोता बुखार के लगभग 10 मामले सामने आए हैं। हालाँकि, कई मामलों का पता नहीं चल पाता है या उनकी रिपोर्ट ही नहीं की जाती है क्योंकि उनके लक्षण अन्य बीमारियों के समान होते हैं।

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