दिल्ली में लॉन्च होगी मोहल्ला बस, केजरीवाल के मंत्री ने की सवारी

  • तंग गलियों में 2 हजार से ज़्यादा चलेंगी यह बसें

(फोटो : एम बस1,2)

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने साल 2023 के बजट में हर छोटे इलाके में मोहल्ला क्लीनिक खोलने के तर्ज पर, तंग गलियों में 2 हजार से ज़्यादा मोहल्ला बसों को चलाने का ऐलान किया था। मंगलवार को केजरीवाल सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रोटोटाइप मोहल्ला बस खुद चलाकर निरिक्षण किया और टेस्ट राइड कर ये जानने की कोशिश की है कि यात्रियों के लिए बस कितनी कंफर्टेबल है। वहीं, मोहल्ला बस में सवार होकर मंत्री कैलाश गहलोत ने राजघाट डिपो से दिल्ली विधानसभा तक सफर भी किया। मोहल्ला बस में सफर के दौरान कैलाश गहलोत ने बातचीत में बताया कि मैन्युफैक्चरर द्वारा यह पहली बस भेजी गई है। फिलहाल इन बसों की जांच की जा रही है। परिवहन विभाग इसका लगातार निरीक्षण कर रही है, जिसके तहत इस बात की जांच की जाती है कि यात्रियों को बस के अंदर आने और बाहर जाने में असुविधा ना हो. जैसे बस के अंदर कोई शार्प पॉइंट तो मौजूद नहीं है जिससे यात्री को चोट लग जाए। साथ ही, इस बात की जांच भी की जाती है की सीट कंफर्टेबल है या नहीं।

बस की खासियत

मोहल्ला बस की खासियत गिनाते हुए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली वालों के साथ साथ मोहल्ला बस का सरकार को भी बेसब्री से इंतजार है। इस प्रोजेक्ट को काफी नजदीक से मॉनिटर किया गया है। काफी लोग(BJP) अलग-अलग तरह की बातें बनाते हैं लेकिन उसमें कोई सच्चाई नहीं है। दिल्ली सरकार ने पहली बार 9 मीटर की छोटी बसें ऑर्डर की हैं। मोहल्ला बस एक इलेक्ट्रॉनिक बस है और उसमें 23 सीट होंगी, जबकि बड़ी बसों में 35 सीट्स होती है। हर बस की तरह मोहल्ला बस में भी एक सीट दिव्यांग के लिए आरक्षित है। मोहल्ला बस में सीसीटीवी के अलावा पैनिक बटन, जीपीएस, दिव्यांगों के व्हीलचेयर की एंट्री के लिए ऑटोमेटिक स्लाइड की तकनीक भी मौजूद है।

एक बार चार्ज होने पर चलेगी 150 किमी

आगे कैलाश गहलोत ने कहा ‘मोहल्ला बस एक इलेक्ट्रॉनिक बस है, ऐसे में ड्राइवर को बस के सभी कंट्रोल दिए गए हैं। जैसे गेट बंद करना या खोलना, बैटरी की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी, और फॉल्ट आने पर बिजली के कनेक्शन को कट करने का कंट्रोल भी बस ड्राइवर के सामने मौजूद है। एक बार चार्ज होने पर मोहल्ला बस करीब 150 किलोमीटर तक चल सकेगी।

देरी की मंत्री ने बताई ये वजह

आपको बता दें कि साल 2023 के बजट में आम आदमी पार्टी सरकार ने इन मोहल्ला बसों को दिल्ली की छोटी सड़कों में चलाने का ऐलान किया था। हालांकि अब 1 साल गुजारने के बाद मॉडल या प्रोटोटाइप मोहल्ला बस सामने आई है। इस योजना के लागू होने में हुई देरी के सवाल पर परिवार मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार की तरफ से कोई देरी नहीं हुई है। क्योंकि पहली बार 9 मीटर की छोटी बसें सरकार ने ऑर्डर की है इसलिए इनके सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया में समय लगा है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां बस जांच करने के बाद सर्टिफिकेट जारी करती हैं, जिसके तहत यह निरीक्षण किया जाता है कि कोई भी बस सड़क पर चलने लायक है या नहीं. जब तक यह सर्टिफिकेट नहीं बन जाता है, तब तक बसें सड़क पर नहीं चल सकती हैं और न इन्हें दिल्ली सरकार के बेड़े में जोड़ा जा सकता है।

पहली खेप में लॉन्च होंगी 25 बसें

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि पहली खेप में 25 बसों को लॉन्च किया जाएगा। फिलहाल परिवहन विभाग द्वारा मोहल्ला बसों को चलाने के लिए रूट को आईडेंटिफाई किया जा रहा है। दिल्ली सरकार खास तौर पर इन मोहल्ला बसों को छोटे इलाकों में चलाएगी, ऐसे इलाके जहां पर बड़ी बसें नहीं जा सकती है ताकि लास्ट माइल कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा दिया जा सके।

शुरुआत में इन इलाकों में चलेंगी मोहल्ला बसें

गहलोत ने बताया कि मोहल्ला बस की शुरुआत खासतौर से कच्ची कॉलोनी, गांव और द्वारका या रोहिणी जैसी सब सिटी में चलाए जाने का प्लान है। मोहल्ला बस का मकसद है कि लोगों को अपने घर से ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिल जाए और उन्हें नजदीकी मेट्रो स्टेशन, हॉस्पिटल आने में दिक्क़त न हो. मोहल्ला बस का किराया बाकी डीटीसी बसों की तरह होगा और इस बस में भी महिलाओं के लिए टिकट फ्री होगा। साथ ही, मोहल्ला बसों में एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके तहत मशीन पर टैप करने पर ही यात्री को ऑनलाइन टिकट मिल जाएगी, और उसे कंडक्टर से टिकट नहीं खरीदनी पड़ेगी।

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