बिना कमांड पोस्टिंग के ही लेफ्टिनेंट कर्नल से बने कर्नल

सेना की नई प्रमोशन पॉलिसी के तहत बिना कमांड के दिया पहला प्रमोशन

-पहली स्वदेशी 9 एमएम की पिस्टल तैयार करने वाले अधिकारी को मिला प्रमोशन

-1 जनवरी से लागू हुई है नई प्रमोशन पॉलिसी

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने नई प्रमोशन पॉलिसी के तहत पहला प्रमोशन दिया है, जिसमें लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के ऑफिसर को बिना कमांड पोस्टिंग के ही कर्नल रैंक दे दिया गया है। अब तक कर्नल रैंक में प्रमोशन देने पर कमांड असाइनमेंट में जाना जरूरी था। लेकिन इसी साल 1 जनवरी से लागू नई प्रमोशन पॉलिसी में यह प्रावधान है कि अगर लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी किसी खास क्षेत्र में जैसे अहम टेक्नॉलजी पर काम कर रहे हैं तो उन्हें वहीं काम करते हुए भी कर्नल रैंक दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने ही इस तरह का पहला प्रमोशन दिया गया है। प्रसाद ए बनसोड को लेफ्टिनेंट कर्नल से कर्नल रैंक में प्रमोशन दिया गया है।

कर्नल बनसोड ने स्मॉल आर्म के रिसर्च और डिवेलपमेंट में काफी काम किया है। सूत्रों के मुताबिक वैसे तो उन्हें मार्च 2021 में ही कर्नल रैंक के लिए अप्रूव कर दिया गया था लेकिन वह स्मॉल आर्म के रिसर्च और डिवेलपमेंट में काम जारी रखना चाहते थे इसलिए उन्होंने कर्नल रैंक नहीं लिया। कर्नल रैंक लेने पर उन्हें नई कमांड पोस्टिंग में जाना होता। अब नई प्रमोशन पॉलिसी ने सेना के अधिकारियों के लिए किसी खास एक्सपर्टीज पर फोकस करने के साथ ही प्रमोशन पाने की राह भी खोल दी है। कर्नल बनसोड अभी डीआरडीओ के साथ हैं और उन्हें वहीं रहते हुए कर्नल रैंक दिया गया है। यह नई प्रमोशन पॉलिसी के तहत हुआ पहला प्रमोशन है।

कर्नल बनसोड की यूनिट

कर्नल बनसोड की यूनिट 6 सिख है। वे जब कमिशन हुए तो काउंटर इनसरजेंसी और काउंटर टेररिजम ऑपरेशन में तैनात रहे। उन्होंने शुरू से ही फायरआर्म (हथियार) डिवेलपमेंट में इंटरेस्ट दिखाया। जब वह कॉन्गो में थे तो बहुत कम रिसोर्स के साथ उन्होंने इंसास राइफल का बुलपप वर्जन विकसित किया। उन्होंने इस पर काम जारी रखा और इंसास के साथ ही एके-47 का बुलपप विकसित किया। बुलपप वर्जन का मतलब है कि इस राइफल में फायरिंग ग्रिप पीछे की बजाय आगे की तरफ होती है। इससे राइफल हल्की हो जाती है और ज्यादा कॉम्पेक्ट होती है। कर्नल बनसोड ने इसके लिए सेना के आइडिया और इनोवेशन कॉम्पिटिशन में जीत दर्ज की साथ ही उन्हें प्राइम मिनिस्टर सर्टिफिकेट ऑफ एक्सिलेंस भी मिला। जनवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें इससे सम्मानित किया।

बनसोड को मिला था अवार्ड

कर्नल बनसोड ने इंसास कार्बाइन पर आधारित बुलपप कार्बाइन बनाई, जो 5.56 एमएम कार्बाइन विकल्प था। इसके लिए भी इन्हें अवॉर्ड मिला। भारत ने अमेरिका से सिग सॉर असॉल्ट राइफल ली और 2020 में इन्हें सेना में शामिल किया गया। सूत्रों के मुताबिक इसमें बैक साइट में अलग अलग रेंज में सेट करने का सिस्टम नहीं था। कर्नल बनसोड ने तीन महीने के भीतर सिग सॉर असॉल्ट राइफल्स के लिए एक ओपन साइट डिवेलप की। पूरे ट्रायल के बाद इसे सिग सॉर राइफल में फिट करने के लिए ले लिया गया। 66 हजार से ज्यादा ऐसी ओपन साइट डिलीवर भी हो गई हैं। उन्होंने 9 एमएम की मशीन पिस्टल भी बनाई। यह भारत की पहली स्वदेशी 9 एमएम की मशीन पिस्टल है।

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