आखिरकार शाहजहां गिरफ्तार, कुबूला जुर्म, टीएमसी ने पार्टी से निकाला

  • उत्तर 24 परगना में पकड़ा गया संदेशखाली का ‘विलेन’

-जांच अधिकारी के सामने ईडी अधिकारियों पर हमले में कबूली संलिप्तता

(फोटो : पीटीआई)

कोलकाता। 55 दिनों से फरार टीएमसी नेता शाहजहां शेख को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख को ईडी टीम पर हमला केस में गिरफ्तार किया गया है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने आरोपी को उत्तर 24 परगना से गिरफ्तार किया है। इसके बाद उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने आरोपी को 10 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस ने कोर्ट से 14 दिनों की कस्टडी मांगी थी। बंगाल पुलिस ने शाहजहां शेख के एक और सहयोगी अमीर अली गाजी को भी राउरकेला, ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया है। गाजी पर पिछले कुछ दिनों में ग्रामीणों को डराने-धमकाने और उनसे पैसे वसूलने के कई आरोप लगे थे। वह महिलाओं को धमकाता था और कथित तौर पर मनरेगा के तहत जॉब कार्ड धारकों से कट मनी लेता था।

रिमांड कॉपी की बड़ी बातें

शाहजहां शेख मामले में पुलिस की रिमांड कॉपी मिली है। रिमांड कॉपी के पहले पन्ने में कहा गया है कि शाहजहां ने जांच अधिकारी के सामने अपना अपराध कबूल कर लिया है और ईडी अधिकारियों पर हमले के मामले में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली है। इसमें यह भी लिखा है कि शेख शाहजहां एफआईआर नामित आरोपी है, जो अपने क्षेत्र में प्रभावशाली है और जमानत पर रिहा होने के बाद उसके फरार होने और मामले के गवाहों को धमकी देने की पूरी संभावना है।

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आरोपी टीएमसी से 6 साल के लिए निलंबित

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने गुरुवार को शेख शाहजहां को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। टीएमसी के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शाहजहां की गिरफ्तारी के तुरंत बाद उसे पार्टी से निलंबित करने के फैसले की घोषणा की। ब्रायन ने कहा, ‘हमने शेख शाहजहां को 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित करने का फैसला किया है। हमेशा की तरह, हम जो कहते हैं वह करते हैं। हमने अतीत में उदाहरण स्थापित किए हैं और हम आज भी ऐसा कर रहे हैं। बता दें कि शेख संदेशखाली विधानसभा क्षेत्र का टीएमसी संयोजक था और पार्टी के कब्जे वाले उत्तर 24 परगना जिला परिषद का सदस्य भी था।

ये है मामला

शाहजहां शेख की पहचान टीएमसी के एक ताकतवर और प्रभावशाली नेता के तौर पर है। वो संदेशखाली यूनिट का टीएमसी अध्यक्ष भी रह चुका है। पहली बार शाहजहां शेख उस समय चर्चा में आया, जब 5 जनवरी को ईडी की टीम शाहजहां से बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में पूछताछ करने पहुंची थी, उस समय उसके गुर्गों ने ईडी की टीम पर हमला कर दिया था। उसके बाद से ईडी ने लगातार पूछताछ के लिए शाहजहां शेख को समन जारी किए थे लेकिन वह फरार था।

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