- सभी दूतावास के संपर्क में होने की बात कही
नई दिल्ली। भारत सरकार ने अच्छी नौकरी देने के बहाने रूस बुलाए गए 20 भारतीय नागरिकों के फंसे होने की बात मानी है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया, “हमें जानकारी मिली है कि रूस के अलग-अलग हिस्सों में 20 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं। इन सभी को अच्छी नौकरी के बहाने रूस बुलाया गया था। वे रूस के अलग अलग हिस्सों में हैं और दूतावास के संपर्क में हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है कि ऐसी जानकारी है कि रूस में 20 भारतीय सपोर्ट स्टाफ के तौर पर गए. लेकिन इन्हें जंग में भेजा गया है। इन्होंने हमसे संपर्क किया है। उनकी वापसी के लिए हम लगातार रूसी अथॉरिटी से बात कर रहे हैं। ” इससे पहले भारत ने अपने नागरिकों से कहा कि रूस के साथ जारी युद्ध के कारण हिंसाग्रस्त इलाकों में जाने से बचें. 23 फरवरी को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था- “कुछ भारतीयों ने रूसी आर्मी में हेल्पर की नौकरी के लिए कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था। बाद में इन्हें जंग लड़ने भेज दिया गया। भारतीय दूतावास रूसी अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर संपर्क में है। हम उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच हम सभी भारतीयों से अपील करते हैं कि वो पूरी सतर्कता बरतते हुए जंग से दूर रहें.”
विदेश मंत्रालय ने कहा था- “कुछ दिनों से खबरें आ रही थीं कि रूसी सेना में भर्ती करवाए गए कई भारतीय वापस आने की मांग कर रहे हैं। हमने यह मामला रूसी सरकार के सामने उठाया। इसके बाद कई भारतीयों को रशियन आर्मी से डिस्चार्ज कर दिया गया है। भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, कई भारतीय युवक नौकरी का झांसा देने वालों के शिकार हो गए हैं। उनको रूस में अच्छी नौकरी के बहाने बुलाया गया। हर एक से 3 लाख रुपये तक लिए गए. ऐसे कुल कितने भारतीय हैं इसकी पुख़्ता या आधिकारिक जानकारी नहीं है। अपुष्ट रिपोर्टस के मुताबिक ये 100 के करीब हो सकते हैं। ये तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों से बताए गए हैं।
18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे
रिपोर्ट के मुताबिक, एक एजेंट ने खुलासा करते हुए बताया कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय नागरिक रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं। ये लोग मारियुपोल, खार्किव, डोनात्सक, रोस्तोव-ऑन-डॉन में फंसे हैं। इन लोगों के परिजन ने बताया कि कुछ एजेंट्स ने दिसंबर 2023 में नौकरी के नाम पर धोखे से भारतीयों को रूस भेज दिया था। अब ये भारतीय मदद की गुहार लगा रहे हैं।
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