- दुनिया को अलविदा कह गए जाने-माने गायक, 72 की उम्र में ली आखिरी सांस
नई दिल्ली। प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। यह जानकारी उनकी बेटी नयाब ने दी। पंकज उधास 72 वर्ष के थे। वह चिट्ठी आई है और जिएं तो जिएं कैसे जैसे गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं। एक पारिवारिक सूत्र ने बताया कि पंकज उधास का ब्रीच कैंडी अस्पताल में पूर्वाह्न 11 बजे के करीब निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।
उधास ने ‘नाम’, ‘साजन’ और ‘मोहरा’ सहित कई हिंदी फिल्मों में पार्श्व गायक के रूप में भी अपनी पहचान बनाई। नयाब ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट किया, बहुत भारी मन से, हम आपको पद्मश्री पंकज उधास के 26 फरवरी 2024 को लंबी बीमारी के कारण दुखद निधन होने की सूचना दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रख्यात गजल गायक पंकज उधास के निधन पर सोमवार को शोक जताया और कहा कि वह भारतीय संगीत के ऐसे प्रकाशस्तंभ थे, जिन्होंने अपनी आवाज से हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया। मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं, जिनके गायन ने भावनाओं को व्यक्त किया और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं। उन्होंने कहा, वह भारतीय संगीत के प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुन ने हर पीढ़ी के लोगों को मंत्रमुग्ध किया। मुझे उनके साथ हुई अपनी विभिन्न बातचीत याद है। उनके जाने से संगीत की दुनिया में एक ऐसा शून्य पैदा हुआ है, जिसे कभी भरा नहीं जा सकता। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना। प्रसिद्ध गजल गायक पंकज उधास का सोमवार को यहां निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे। पंकज उधास 72 वर्ष के थे। वह ‘चिट्ठी आई है’ और ‘जिएं तो जिएं कैसे’ जैसे गीतों और गजलों के लिए जाने जाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उधास के निधन पर शोक जताया।
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सुपरहिट गीत और गजल
00 चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल…
00 हुई महंगी बहुत ही शराब, निकलो ना बेनकाब
00 आप जिनके करीब होते हैं
00 दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है
00 एक तरफ उसका घर एक तरफ मयकदा
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चिट्ठी आई है…
चिट्ठी आई है, बड़े दिनों के बाद हम बे-वतनों को याद वतन की मिट्टी आई है। इसे गाने के लिए पंकज उधास का नाम सबसे पहले सलीम खान ने ही लिया। एक तो सलीम खान इस बात के लिए आश्वस्त थे कि पंकज उधास इस गाने की पंक्तियों के साथ न्याय करेंगे। दूसरा उनकी ‘पॉपुलैरिटी’ का फायदा भी इस गाने को मिलेगा। ऐसी ही एक बैठक में ये भी तय हुआ कि ये गाना पंकज उधास पर ही फिल्माया भी जाएगा। पंकज उधास उस वक्त ना सिर्फ बहुत पॉपुलर थे बल्कि उनकी उम्र भी सिर्फ 33-34 साल थी।
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जब मांगनी पड़ी माफी
एक कार्यक्रम के दौरान चिट्ठी आई है की फरमाइश हुई। पंकज उधास ने गाना शुरू किया। अभी गाने की शुरूआती लाइन ही उन्होंने गाई थी कि हॉल में आगे की लाइन में बैठे एक शख्स ने रोना शुरू कर दिया। पंकज जी की आंखें भी नम हो गईं, लेकिन उन्होंने जैसे-तैसे खुद को संभाल लिया। अभी एकाध दो लाइन ही और गाई होगी कि पंकज जी ने देखा कि बगल में तबले पर संगत कर रहे कलाकार रो रहे हैं, स्टेज पर नजरों को थोड़ा और घुमाया तो देखा वॉयलिन वाले की आंखों में भी आंसू हैं। पंकज उधास के लिए खुद को संभालना मुश्किल हो गया। उन्होंने गाना रोक दिया। श्रोताओं से माफी मांगी। फिर पानी पीया, खुद को संभाला और तब जाकर गाना दोबारा शुरू हुआ।
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