–कई राज्यों में प्रदर्शन
अमृतसर/होशियारपुर/हिसार। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने कृषि क्षेत्र को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) समझौते से बाहर करने की मांग को लेकर सोमवार को पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर राजमार्गों के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े किए। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के नेतृत्व में हजारों किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च को हरियाणा के साथ लगती पंजाब की सीमा पर खनौरी और शंभू में सुरक्षा बलों ने रोक दिया। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के वास्ते आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने एसकेएम के बैनर तले सोमवार को दोपहर 12 बजे से अपराह्न 3 बजे तक ‘डब्ल्यूटीओ छोड़ो दिवस’ प्रदर्शन आयोजित करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि वे राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात को बाधित किये बिना अपने ट्रैक्टर खड़े करेंगे। एसकेएम ने 2020-21 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था। पंजाब के होशियारपुर में, किसानों ने जालंधर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई स्थानों पर अपने ट्रैक्टर खड़े किए। दोआबा किसान समिति के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों ने टांडा के बिजली घर चौक पर भी अपने ट्रैक्टर सड़क पर खड़े किये। चौहान ने एक सभा को संबोधित करते हुए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की नीतियों की आलोचना की और उन्हें \”किसान विरोधी\” बताया। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), बीकेयू (कादियान), बीकेयू (एकता उगराहां) जैसे कई अन्य कृषि संगठनों के सदस्यों ने भी प्रदर्शन किया और होशियारपुर-फगवाड़ा रोड, नसराला-तारागढ़ रोड, दोसरका-फतेहपुर रोड, बुल्लोवाल-एलोवाल रोड और भूंगा-हरियाणा रोड पर अपने ट्रैक्टर खड़े किए। प्रदर्शनकारियों ने एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने और किसानों के लिए पेंशन की भी मांग की। अमृतसर में, किसानों ने अजनाला, जंडियाला गुरु, रय्या और ब्यास में राजमार्गों के किनारे अपने वाहन खड़े किए। लुधियाना में, एसकेएम से जुड़े किसानों ने डब्ल्यूटीओ के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए लुधियाना-चंडीगढ़ रोड पर राजमार्ग के किनारे अपने ट्रैक्टर खड़े किए। हरियाणा के हिसार में किसानों ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 50 स्थानों पर अपने ट्रैक्टर खड़े करके विरोध प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के प्रदेश उपाध्यक्ष शमशेर सिंह नंबरदार ने कहा कि प्रदर्शन सुरेवाला चौक, मय्यर टोल, चौधरीवास, बगला मोड़, बदोपट्टी और बास टोल सहित विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए। उन्होंने दावा किया कि डब्ल्यूटीओ की नीतियों के कारण सरकार सभी फसलों पर एमएसपी नहीं दे रही है। इधर, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के आह्वान पर सोमवार को उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला जिससे राजमार्ग सहित कई प्रमुख सड़कों पर यातायात बाधित हो गया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार किसानों की वास्तविक मांगों की उपेक्षा कर रही है।
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कृषि कर्जमाफी तक जारी रहेगा आंदोलन
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा- आज हमने खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डब्ल्यूटीओ के पुतला दहन का आयोजन किया। यह कार्यक्रम 13 राज्यों में आयोजित किया गया। हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह आंदोलन एमएसपी गारंटी कानून बनने और कृषि कर्जमाफी तक जारी रहेगा।
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