- बंगाल पुलिस का एक्शन, 70 किमी पहले ही रोका
-सदस्यों का आरोप- राज्य सरकार संदेशखाली की सच्चाई छिपाना चाहती है
(फोटो : सदस्य धरना)
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में मानवाधिकार उल्लंघन के आरोपों की जांच के लिए यहां जा रही एक सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने 70 किलोमीटर पहले ही रोक लिया। इसके बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने मौके पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार संदेशखाली की सच्चाई छिपाना चाहती है, इसलिए उसके इशारे पर पुलिस उन्हें वहां जाने से रोक रही है। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने कल साउथ 24 परगना में कई स्थानों का दौरा किया और लोगों ने उन्हें बताया वे इस क्षेत्र के आसपास बसे रोहिंग्याओं के अत्याचारों का शिकार हो रहे हैं। सदस्यों ने पुलिस से कहा कि वे धारा 144 का पालन करने और दो या तीन के समूह में संदेशखाली जाने के लिए तैयार हैं। लेकिन पुलिस ने संवेदनशील हालातों का हवाला देकर उन्हें जाने से रोक दिया।
कमेटी में ये शामिल
संदेशखाली जा रही सिविल सोसायटी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी, पूर्व आईपीएस अधिकारी राज पाल सिंह, राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य चारू वली खन्ना, एडवोकेट ओपी व्यास, भावना बजाज और वरिष्ठ पत्रकार संजीव नायक शामिल हैं। फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी की सदस्य चारू वली खन्ना ने कहा, ‘हम संदेशखाली जा रहे थे, लेकिन उन्होंने हमें रोक दिया। पुलिस ने जानबूझकर हमें रोका है और आम लोगों के लिए समस्याएं पैदा कर रही है। पुलिस हमें संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही है।
महिलाओं का आरोप
संदेशखाली में महिलाओं के समूह ने फरार चल रहे स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां और उसके सहयोगियों पर के साथ-साथ अन्य लोगों पर अपनी जमीनें हड़पने, यौन शोषण करने समेत कई सनसनीखेज आरोप लगाया है। करीब महीने भर से संदेशखाली हिंसा से प्रभावित है। कुछ दिन पहले महिलाओं ने हाथों में हंसिया लेकर शेख शाहजहां और उसके गुर्गों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान उग्र भीड़ ने स्थानीय टीमएसी नेताओं के ठिकानों और प्रतिष्ठानों में आगजनी की थी. तबसे संदेशखाली में तनाव व्याप्त है। महिलाएं शेख शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। मामले में उसके दो सहयोगियों शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है।
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संदेशखाली में झाड़ू के साथ महिलाओं का प्रदर्शन
(फोटो : झाड़ू)
संदेशखाली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में पिछले कई दिनों से हंगामा मचा हुआ है। संदेशखाली के नजदीकी इलाके बरमाजुर में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान महिलाओं ने टीएमसी नेता अजीत मैती की गिरफ्तारी की मांग की. बता दें कि शनिवार को टीएमसी के स्थानीय नेता अजीत मैती के खिलाफ महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था। टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लगातार दूसरे दिन पश्चिम बंगाल के संकटग्रस्त संदेशखाली का दौरा किया और उन ग्रामीणों की शिकायतें सुनीं, जो सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस शामिल थे, उन्होंने बरमाजुर क्षेत्र का दौरा किया, जहां हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ थाऔर स्थानीय लोगों से उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए डेढ़ महीने का समय मांगा।
शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग
कोलकाता से लगभग 100 किलोमीटर दूर सुंदरबन की सीमा पर स्थित उत्तर 24 परगना जिले के नदी तटीय क्षेत्र संदेशखाली क्षेत्र में एक महीने से अधिक समय से स्थानीय टीएमसी नेता शेख शाहजहां के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। शेख शाहजहां फिलहाल फरार है। इलाके की लगभग 100 महिलाओं ने ‘सुजीत बोस गो बैक’ के पोस्टर लेकर टीएमसी मंत्रियों के दौरे का विरोध किया और स्थानीय टीएमसी मजबूत नेता शाहजहां की गिरफ्तारी की मांग की।
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