‘बुढ़िया के बाल’ में कैंसर वाला केमिकल, पुडुचेरी और तमिलनाडु में लगा प्रतिबंध

-कॉटन कैंडी यानी ‘बुढ़िया का बाल’ में मिला है केमिकल रोडोमाइन-बी

(फोटो : बाल)

नई दिल्ली। मेले या बाजारों में अगर आप भी अपने बच्चों को ‘बुढ़िया के बाल’ खरीद कर देते हैं तो सावधान हो जाएं. दरअसल बच्चों के बीच खासी लोकप्रिय इस मिठाई में कैंसर पैदा करने वाला केमिकल पाया गया है। चीनी से तैयार होने वाली इस मिठाई को अंग्रेजी में कॉटन कैंडी कहा जाता है। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की जांच के दौरान कॉटन कैंडी में रोडोमाइन-बी केमिकल पाया गया। यह केमिकल आमतौर पर कपड़ा उद्योग में इस्तेमाल किया जाता है और शरीर के अंदर जाने पर कैंसर पैदा करने का कारक बन सकता है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद पहले पुडुचेरी और अब तमिलनाडु सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है। तमिनाडु के स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने कॉटन कैंडी पर बैन लगाने का ऐलान करते हुए कहा कि इसका मकसद कैंडी बनाने वालों, बेचने वालों और ग्राहकों के बीच रंगीन कैंडी में मौजूद हानिकारक केमिकल के बारे में जागरूकता पैदा करना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रंगीन कैंडी भले ही स्वादिष्ट लग सकती है, लेकिन यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। उन्होंने कहा, ‘एक बार जागरूकता पैदा हो जाने के बाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सिर्फ रंग-मुक्त कॉटन कैंडी ही बेची जाए। ’

पुडुचेरी सरकार ने भी लगाया प्रतिबंध

इससे पहले पुडुचेरी सरकार ने भी इस महीने की शुरुआत में कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल वहां लिए सैंपलों की जांच में पाया गया कि गुलाबी रंग की कॉटन कैंडी में रोडोमाइन-बी केमिकल है, जबकि नीली रंग की कैंडी में रोडोमाइन-बी के साथ एक और अज्ञात रसायन मिलाया गया है। इन नमूनों की चांज करने वाले दोनों ही रंग की कॉटन कैंडी को घटिया और सेहत के लिए नुकसानदायक माना।

कॉटन कैंडी से क्या-क्या नुकसान

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, रोडोमाइन-बी एक डाई है, जिसका इस्तेमाल चमड़े को रंगने से लेकर कागज की छपाई तक में किया जाता है। यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक है और शरीर में चले जाने से कई बीमारियां हो सकती हैं। इसके सेवन से पेट फूलना, खुजली और सांस लेने में तकनीक जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। अगर लंबे समय तक रोडामाइन-बी का सेवन किया गया तो यह शरीर के अंदर किडनी, लिवर और आंत में जमा हो सकता है। इससे किडनी और लिवर को नुकसान पहुंचने के साथ ही आंत में कैंसर भी हो सकता है।

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