– पाकिस्तान में किसी भी राजनीतिक दल को नहीं मिला है बहुमत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में गुरुवार को हुए चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला है। ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे के साथ मिलकर सरकार गठन की जुगत में जुटी हैं। इस बीच खबर है कि केंद्र में गठबंधन सरकार बनाने के लिए बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) में सहमति बन गई है। इससे पहले आई खबरों में कहा गया था कि पीपीपी के सह अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने सूबों में पीएमएल-एन की सरकार गठन में समर्थन देने के लिए बिलावल भुट्टो को प्रधानमंत्री बनाने की मांग की थी। लेकिन, अब ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो की पार्टी में नेशनल असेंबली के पांच साल के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री का पद आपस में साझा करने पर सहमति बन गई है।
प्रधानमंत्री पद पर बन गई बात
जियो न्यूज के मुताबिक, आधे-आधे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नियुक्त करने का विचार 8 फरवरी को चुनावों के बाद पीपीपी और पीएमएल-एन के शीर्ष नेताओं की पहली बैठक के दौरान सामने आया था। पीपीपी का कहना है कि देश में पहले भी सत्ता साझाकरण के फार्मूले पर सरकार चल चुकी है। उन्होंने 2013 में बलूचिस्तान में पीएमएल-एन और नेशनल पाार्टी (एनपी) के सत्ता साझाकरण फॉर्मूले का जिक्र किया, जब दोनों दलों के दो मुख्यमंत्रियों ने पांच साल के आधे कार्यकाल के लिए पद संभाला था।
दोनों दलों में सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी
लाहौर के बिलावल हाउस में रविवार को हुई बैठक में दोनों पक्ष आम चुनाव के बाद देश की राजनीतिक स्थिरता के लिए सहयोग करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं। बैठक में पीपीपी-संसदीय अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल-भुट्टो जरदारी और पीएमएल-एन से पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भाग लिया। संयुक्त बयान के अनुसार, बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जिसमें देश के हित और कल्याण को हर चीज से ऊपर रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई। दोनों दलों के नेताओं ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और देश की भलाई के लिए सहयोगात्मक प्रयासों की अनिवार्यता के संबंध में गहन चर्चा की।
बातचीत में ये नेता शामिल
पीएमएल-एन प्रतिनिधिमंडल में आजम नजीर तरार, अयाज सादिक, अहसान इकबाल, राणा तनवीर, ख्वाजा साद रफीक, मलिक अहमद खान, मरियम औरंगजेब और शेजा फातिमा शामिल थे। संयुक्त बयान में कहा गया है कि चर्चा के मुख्य बिंदु पाकिस्तान की समग्र स्थिति का आकलन, भविष्य की राजनीतिक रणनीतियों पर विचार-विमर्श और देश भर में स्थिरता और प्रगति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुझावों का आदान-प्रदान था। दोनों पक्षों ने पाकिस्तान को राजनीतिक अस्थिरता से दूर और समृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए अपने समर्पण की पुष्टि की। बयान में कहा गया कि देश के बहुमत ने दोनों पार्टियों को जनादेश दिया है और वे उन्हें निराश नहीं करेंगे।
000

