भारतीय नौसेना के दबाव में वापस गया चीनी जासूसी जहाज

-श्रीलंका के बंदरगाह पर पहुंची भारतीय पनडुब्बी आईएनएस करंज

(फोटो : आईएनएस)

कोलंबो। चीन ने अपना जासूसी जहाज भेजा कि वो मालदीव जाकर तैनात हो सके. एक बार उसे भारतीय नौसेना के दबाव में वापस जाना पड़ा. दोबारा श्रीलंका में वह डॉक हुआ। लेकिन अपने स्वतंत्रता दिवस से पहले श्रीलंका ने उसे भी भगा दिया। इसके बाद राजधानी कोलंबो के बंदरगाह पर भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस करंज का स्वागत किया गया। आशंका है कि चीन का जासूसी जहाज जियांग यांग होंग 3 मालदीव्स की राजधानी माले में 8 फरवरी 2024 तक पहुंचेगा। उससे पहले चीन के नजदीकी संबंध रखने वाले श्रीलंका के बंदरगाह पर भारतीय नौसेना ने अपनी खतरनाक पनडुब्बी तैनात कर दी है। आईएनएस करंज एक डीजल इलेक्ट्रिक कलवारी क्लास अटैक सबमरीन है।

यह कलवारी क्लास की पहली पनडुब्बी है जो नौसेना में तैनात की गई थी। 2021 से अब तक देश की सेवा में लगी है। 1615 टन के डिस्प्लेसमेंट वाली इस पनडुब्बी की लंबाई 221 फीट है। बीम 20 फीट है। जबकि ऊंचाई 40 फीट है। इसमें चार डीजल-इलेक्ट्रिक इंजन लगे हैं जो इसे सतह पर 20 किमी/एचआर और पानी के अंदर 37 किमी/एचआर की गति देते हैं। यह अगर 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चले तो अधिकतम 12 हजार किलोमीटर तक चल सकती है। अधिकतम 1150 फीट की गहराई तक जा सकती है। यह पानी के अंदर 50 दिनों तक रहने की क्षमता रखती है।

35 नौसैनिक हो सकते हैं तैनात

इस पनडुब्बी में में 8 अधिकारी और 35 नौसैनिक तैनात हो सकते हैं। इसमें एंटी-टॉरपीडो काउंटरमेजर सिस्टम्स लगे हैं। इसके अलावा 21 इंच के 6 टॉरपीडो ट्यूब्स हैं। जिसमें से 18 टॉरपीडो निकल सकते हैं। इसके अलावा इसमें SM.39 एक्सोसेट एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं। इसके अलावा अगर टॉरपीडो हटा दिए जाएं तो यह 30 समुद्री बारूदी सुरंगें बिछा सकता है। इसका नाम नौसेना की पुरानी करंज पर रखा गया था. जिसने 1969 से 2003 तक नौसेना में सेवा की थी। करंज असल में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में मौजूद एक द्वीप का नाम है।

00000000000000

प्रातिक्रिया दे