गुजरात के छोटा उदेपुर की परंपरा जानकर कई लोग हैरान हो जाते हैं। दरअसल, यहां दूल्हे की बहन यहां दूल्हा बनकर शादी करने के लिए जाती है। इसके बाद बारात तो ले ही जाती है बल्कि भाई की जगह दुल्हन संग मंडप में मंगल फेरे भी लगाती है। परिवार और दूल्हे की मर्जी के अनुसार रस्मों को निभाकर यह विवाह हुआ। इसके बाद भाभी को दुल्हन बनाकर घर ले आई।
देवता के प्रकोप से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी
दरअसल, छोटा उदेपुर जिले के तीन गांव अंबाला, सूरखेडा और सनाडा गांव में लोग देवता के कोप से बचने के लिए इस तरह की परंपरा को निभाते हैं। यहां के आदिवासी लोग देव भरमादेव को अपना आराध्य मानते हैं। आदिवासियों की ऐसी मान्यता है कि भरमादेव कुंवारे देव हैं। इसलिए इन तीन गांव का कोई लड़का बारात लेकर जाएगा, तो उसे देवता का कोपभाजक बनना होता है।
परंपरा बदली तो तीन दूल्हों की हुई मौत
भाई के लिए दूल्हा बनी बहन, बारात भी ले गई, फिर फेरे लेकर भाभी को घर ले आई

