- मालदीव के इतिहास का सबसे बड़ा बायकॉट
-10 मार्च से पहले भारतीय सैनिकों की वापसी की घोषणा
माले। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की वतन वापसी की घोषणा कर दी है। उन्होंने मालदीव की संसद में दिए अपने पहले भाषण में इस बात का एलान किया। हालांकि, राष्ट्रपति के संबोधन का विपक्षी दलों ने बायकॉट किया। उनके संबोधन के दौरान सिर्फ 24 सांसद ही मौजूद रहे। मालदीव स्थित ऑनलाइन समाचार आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव की संसद (पीपुल्स मजलिस) के उद्घाटन सत्र में राष्ट्रपति मुइज्जू के संबोधन के दौरान केवल 24 सांसद शामिल हुए।
56 सांसदों ने किया बहिष्कार
विपक्षी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) और डेमोक्रेट्स ने सरकार के अलोकतांत्रिक तरीकों के कारण संसद के बहिष्कार का फैसला किया। कुल 56 सांसदों ने राष्ट्रपति के संबोधन का बहिष्कार किया। इनमें डेमोक्रेट के 13 और एमडीपी के 44 सांसद शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुबह 9 बजे जब बैठक शुरू हुई तो केवल 24 सांसद ही संसद में मौजूद थे।
राष्ट्रपति के भाषण का किया बहिष्कार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सांसदों द्वारा राष्ट्रपति के संबोधन के बहिष्कार का एलान किया गया। इन सांसदों की अध्यक्षता सांसद मोहम्मद असलम ने की। बताया जा रहा है कि सांसदों ने राष्ट्रपति मुइज्जू के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट किया था। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और प्रथम महिला ने मालदीव संसद के उद्घाटन में शिरकत की। रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि उन्होंने देश की मौजूदा आर्थिक और वित्तीय स्थिति को देखते हुए वरिष्ठ राजनीतिक पदों पर अधिक लोगों को नियुक्त नहीं करने का फैसला किया है।
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मुइज्जु ने संसद में भारत को दिया अल्टीमेटम
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को बताया कि 10 मार्च से पहले भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले समूह को भारत वापस भेज दिया जाएगा। वहीं दो विमानन प्लेटफॉर्म पर काम कर रहे शेष भारतीयों को 10 मई तक वापस भेजा जाएगा। संसद में अपने संबोधन के दौरान मुइज्जू ने कहा कि उनका मानना है कि मालदीव के अधिकांश लोग इस उम्मीद के साथ उनकी सरकार का समर्थन करते हैं कि वे देश से विदेशी सैनिकों को हटा देंगे। इसके साथ ही उनका लक्ष्य खोए हुए समुद्री क्षेत्र को वापस पाना है।
संप्रभुता से समझौता नहीं: मुइज्जू
मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार ऐसे किसी भी राज्य समझौते की अनुमति नहीं देता है, जो देश की संप्रभुता से समझौता करें। 17 नवंबर को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने 88 सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की अपील की थी। अन्य देशों के साथ राष्ट्रपति मुइज्जू की कूटनीतिक चर्चाएं भी जारी है। मुइज्जू ने कहा, हमने भारत से सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘हाल ही में हुए चर्चाओं के अनुसार, तीन विमानन प्लेटफॉर्मों में से एक से भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मार्च से पहले वापस बुलाने के लिए कहा गया है। बाकी के दो प्लेटफॉर्म से भी 10 मार्च तक वापस बुला लिया जाएगा।’
भारतीय सैन्यकर्मी मानवीय मिशनों का रह चुके हैं हिस्सा
मालदीव के साथ द्विपक्षीय वार्ता में भारत ने दो फरवरी को कहा था कि द्वीप राष्ट्र में भारतीय विमानन प्लेटफॉर्म के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ समाधानों पर सहमति व्यक्त की गई है। वर्तमान में, भारतीय सैन्यकर्मी दो हेलीकॉप्टर और एक विमान संचालित करने के लिए मालदीव में हैं। ये सैन्यकर्मी सैकड़ों चिकित्सा निकासी और मानवीय मिशनों का हिस्सा रह चुके हैं।
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों से भारत की तरफ से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान की गई है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसा कुछ नहीं करने वाला है जिससे देश की संप्रभुता से समझौता करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि अगर इससे देश की संप्रभुता को खतरा होता है तो वह किसी भी बाहरी दवाब के सामने नहीं झुकेंगे।
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