चंपई सरकार ने दिखाया दम, 29 के मुकाबले हासिल किया 47 मत

झारखंड में झामुमो नीत गठबंधन सरकार की बल्ले-बल्ले

81 सदस्यीय विधानसभा

47 विधायक पक्ष में

29 विधायक विरोध

रांची। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा नीत गठबंधन सरकार ने सोमवार को झारखंड विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में 47 विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, जबकि 29 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। विधानसभा में मतदान के दौरान 77 विधायक उपस्थित थे।

विश्वास मत हासिल करने के बाद, चंपई सोरेन ने कहा कि अगले दो-तीन दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने कहा कि यह (विश्वास मत) भाजपा को एक जोरदार झटका है जिसने लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हुए एक साजिश रची थी। बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झामुमो नेता हेमंत सोरेन को धनशोधन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन (67) ने दो फरवरी को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सत्तारूढ़ गठबंधन में झामुमो, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) शामिल हैं जबकि गठबंधन को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) के इकलौते विधायक का बाहर से समर्थन प्राप्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन के करीब 38 विधायक विश्वास मत के मद्देनजर भाजपा द्वारा ‘खरीद-फरोख्त’ की आशंका के बीच दो फरवरी को दो विमानों से कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद ले जाए गए थे। वे विश्वास मत से पहले रविवार शाम रांची लौटे थे। विधानसभा में, भारतीय जनता पार्टी नीत विपक्षी गठबंधन में भाजपा के 26 और ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) पार्टी के तीन सदस्य हैं। चंपई सोरेन को सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए 10 दिन का वक्त दिया गया था। उन्होंने फैसला किया था कि वह पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेंगे। हेमंत सोरेन अभी ईडी की हिरासत में हैं। उन्हें विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत ने विश्वास मत में हिस्सा लेने की अनुमति दी।

सीएम चंपई ने भाजपा पर लगाए आरोप

विश्वास मत हासिल करने पर चंपई सोरेन ने कहा, हम हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई योजनाओं पर पूर्ण गति से काम करेंगे। इससे पहले, विशेष सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा झारखंड सहित गैर-भाजपा शासित राज्यों में लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है और इसने झूठे मामलों में हेमंत सोरेन को फंसाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल किया। चंपई ने कहा, ‘‘हेमंत हैं तो हिम्मत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हेमंत सोरेन शासन का ‘पार्ट-2′ है।

सोरेन ने भाजपा को दी चुनौती

गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दावा किया कि उन्हें विधानसभा के अंदर बोलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, मैं भाजपा को मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप साबित करने की चुनौती देता हूं। अगर कोई यह साबित कर दे कि मेरे पास साढे़ आठ एकड़ जमीन (अवैध) है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा…31 जनवरी भारत के इतिहास में एक काला अध्याय है। मेरी गिरफ्तारी में राजभवन की अहम भूमिका थी। विधानसभा में उनके प्रवेश करने पर सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों ने करीब पांच मिनट तक ‘हेमंत सोरेन जिंदाबाद’ के नारे लगाए।

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