-जरांगे की चेतावनी- मराठा आरक्षण पर न बोलें
मुंबई। मराठा सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने छगन भुजबल पर आरोप लगाया है कि वे मराठा आरक्षण को लेकर जो बयानबाजी कर रहे हैं, उससे डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को नुकसान पहुंचा रहे हैं। छगन भुजबल ने आरोप लगाया है कि सरकार मराठाओं को आरक्षण देने के लिए ओबीसी आरक्षण में पिछले दरवाजे से एंट्री करा रही है। भुजबल, अजित पवार की एनसीपी का हिस्सा हैं। भुजबल ने ये भी आरोप लगाया है कि मराठाओं को आरक्षण के लिए जो डाटा इकट्ठा किया गया है, उसमें भी काफी खामियां हैं।
‘भुजबल कुछ नहीं समझते’
जालना के अंतरवाली सराती गांव में मीडिया से बात करते हुए जरांगे ने कहा ‘वे (भुजबल) कुछ नहीं समझते। ये कानून है, एक सरकार है और पढ़े-लिखे लोगों की समिति इस पर काम कर रही है, लेकिन भुजबल अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। वह डिप्टी सीएम फडणवीस और अजित पवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।’ जरांगे ने कहा ‘मुझे लगता है कि भुजबल चाहते हैं कि लोग भूख से मर जाएं फिर चाहे वो मराठा हों या फिर किसी अन्य जाति के। पिछड़े वर्ग को समझना चाहिए और भुजबल का साथ नहीं देना चाहिए।’ जरांगे ने दावा किया ‘भुजबल जिस पार्टी में रहते हैं, उसे ही नुकसान पहुंचाते हैं। अगर वे इस्तीफा देना चाहते हैं तो दे दें, लेकिन मराठा आरक्षण के खिलाफ न बोलें।’
‘अभी स्वीकार नहीं हुआ है भुजबल का इस्तीफा’
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने शनिवार को खुलासा किया कि उन्होंने पिछले साल 16 नवंबर को राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। भुजबल ने कहा कि वह दो महीने से अधिक समय तक चुप रहे, क्योंकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने उन्हें इस बारे में नहीं बोलने के लिए कहा था। अब डिप्टी सीएम फडणवीस ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री इस पर स्पष्टीकरण दे पाएंगे, लेकिन मैं अभी केवल इतना ही कह सकता हूं कि भुजबल का इस्तीफा मैंने या मुख्यमंत्री ने स्वीकार नहीं किया है।’
संजय राउत का भुजबल पर निशाना
संजय राउत ने भुजबल के इस्तीफे की बात को बकवास करार दिया है। शनिवार को अहमदनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए संजय राउत ने कहा ‘ऐसा कहा जा रहा है कि भुजबल की बयानबाजी के पीछे देवेंद्र फडणवीस हैं ताकि आरक्षण आंदोलन को हैंडल किया जा सके।’ राउत ने दावा किया कि ‘दोनों मिले हुए हैं।’ संजय राउत ने कहा कि ‘वे जानना चाहते हैं कि छगन भुजबल ने अगर इस्तीफा दिया है तो उनका इस्तीफा सीएम शिंदे ने स्वीकार किया है या फडणवीस ने।’
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