सुप्रीम कोर्ट ने दिया सोरेन को झटका, ईडी को मिली 5 दिन की रिमांड

नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को शुक्रवार को लगातार दो बार बड़े झटके लगे। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका को जहां सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर खारिज कर दी कि हाईकोर्ट जाओ, वहीं रांची की एक स्पेशल कोर्ट ने सोरेन को पांच दिन की ईडी की रिमांड पर भेज दिया है। अब ईडी की टीम जमीन घोटाले में धनशोधन के मामले में सोरेन से पूछताछ करेगी।

बता दें कि जांच एजेंसी यानी ईडी की ओर जारी समन को रद्द करने और गिरफ्तारी को अवैध ठहराने की मांग को लेकर हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में सोरेन ने उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का आग्रह किया था।

ज्ञात हो कि सोरेन को 31 जनवरी को भूखंड के “अवैध” कब्जे और “भूमि माफिया” के साथ कथित संबंध से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें बृहस्पतिवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था हालांकि हेमंत सोरेन ने गिरफ्तारी से पहले झारखंड मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद से झारखंड की राजनीति भी गरमा गई है।

जज बोले – हाईकोर्ट न सुने तो सुप्रीम कोर्ट आइए

इससे पहले हेमंत सोरेन की ओर से सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की स्पेशल बेंच ने कहा कि पहले आप हाई कोर्ट जाइए, वहां से अगर सुनवाई नहीं होती है तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा का खुला है। सोरेन अब हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं।

सिब्बल बोले- आपके पास विवेकाधिकार है

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी से राहत के लिए उच्च न्यायालय जाने को कहा। कोर्ट में सिब्बल ने कहा, ‘‘आपके पास यह विवेकाधिकार है। यह एक ऐसा मामला है जहां उस विवेक का प्रयोग किया जाना चाहिए। यह एक मुख्यमंत्री से जुड़ा मामला है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। कृपया सबूत देखिए। यह अनुचित है।

साजिश के तहत किया गिरफ्तार : झामुमो

झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता हेमंत सोरेन ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में प्रवर्तन निदेशालय पर उन्हें “सुनियोजित साजिश” के तहत गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने याचिका में कहा था कि अब से कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।

चंपई सोरेन ने ली शपथ, 5 को शक्ति परीक्षण

नई दिल्ली। चंपई सोरेन ने झारखंड के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजभवन में राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण ने चंपई सोरेन को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर सीएम पद की शपथ ली है। वहीं उनके साथ कांग्रेस नेता आलमगीर आलम तथा आरजेडी नेता सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पांच फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी। चंपई सोरेन को ‘झारखंड का टाइगर’ कहा जाता है। चंपई सोरेन को बहुमत साबित करने पांच फरवरी का समय दिया गया है।

नाराज सीता को सीएम बनाने भाजपा की बैठक

खबर है कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खबरों से उनकी भाभी सीता सोरेन नाराज चल रही हैं। सोरेन परिवार की बड़ी बहू होने के नाते वे भी मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही हैं। इधर भाजपा ने भी आज विधायक दल की बैठक बुलाई है। इसमें विश्वास मत को लेकर रणनीति बनाई जाएगी। अटकलें हैं कि सीता के साथ जेएमएम के 17-18 विधायक हैं। दूसरी ओर भाजपा को अपने 25 विधायकों के अलावा ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन के 2 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी के एक विधायक का समर्थन है। खबर है कि अगर सीता बगावत करती हैं तो भाजपा उन्हें बाहर से समर्थन दे सकती है।

चंपई ने विधायकों को हैदराबाद भेजा

झामुमो के विधायक दल के नेता चंपई सोरेन के राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ देर बाद झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के 38 विधायक विमान से हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। अन्य लोग वहीं रुके हैं।एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा उन्हें ‘‘लुभाने की कोशिश कर” सकती है। विधायकों को कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद स्थानांतरित किया गया है।

………………………….

विस सत्र के पहले दिन 5 को शक्ति परीक्षण

झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में मंत्री आलमगीर आलम ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद बताया, ‘‘राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा बहुमत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण पांच फरवरी को दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन होगा। मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यह फैसला लिया गया।

0000000000000

प्रातिक्रिया दे