–पटना ईडी कार्यालय में लालू से 9 घंटे से अधिक समय तक पूछे सवाल
–समर्थकों ने घेरा ईडी दफ्तर, जमकर किया हंगामा
—
इंट्रो
बिहार में नई सरकार बनने के बाद ईडी एक्शन में आ गई है। राजद प्रमुख एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में पूछताछ के लिए पटना ईडी दफ्तर में पेश हुए। लालू से 9 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ हुई। इधर, जमीन घोटाले में घिरे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ करने ईडी उनके दिल्ली स्थित आवास पर पहुंची।
पटना। राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख एवं पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पटना स्थित प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय पहुंचे। राजद प्रमुख के साथ उनकी बेटी मीसा भारती भी मौजूद रहीं और वे सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजकर पांच मिनट पर ईडी कार्यालय पहुंचे। जद-यू अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘महागठबंधन’ से अलग होने के एक दिन बाद लालू प्रसाद केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश हुए। इस गठबंधन में राजद सबसे बड़ा घटक दल है। ईडी कार्यालय में लालू को प्रवेश कराने के बाद भारती ने संवाददाताओं से कहा, जब भी कोई केंद्रीय जांच एजेंसी हमारे परिवार के किसी सदस्य को पूछताछ के लिए बुलाती है तो हम वहां जाते हैं और उनके साथ सहयोग करते हैं और उनके सभी सवालों का जवाब देते हैं। उन्होंने कहा, उनकी (लालू) स्वास्थ्य स्थिति के कारण उनके लिए अकेले जाना मुश्किल है, यही कारण है कि जब भी वह कहीं जाते हैं तो किसी को उनके साथ जाना पड़ता है। उनसे पूछताछ अभी भी जारी है।बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ‘महागठबंधन’ से अलग होने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ जुड़ने के सवाल पर भारती ने कहा, बेहतर होगा कि आप उनसे (नीतीश कुमार) पूछें। कहने के लिये कुछ नहीं बचा। सिंगापुर में रह रहीं लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने दावा कि उनकी बहन भारती के बार-बार अनुरोध के बाद भी ईडी अधिकारियों ने राजद प्रमुख के किसी भी सहायक को केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय में प्रवेश करने और उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी। आचार्य ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, सब को पता है पापा की हालात बिना सहारे चल नहीं सकते फिर भी ईडी के अधिकारियों ने किसी भी सहायक को अपने कार्यालय में प्रवेश करने और उनके साथ जाने की अनुमति नहीं दी। अनुरोध करने के बाद भी बहन मीसा या उनके सहायक को नहीं जाने दिया। कृपया आप लोग मेरी मदद करें। उन्होंने कहा, यह ईडी अधिकारियों द्वारा अमानवीय व्यवहार है। आपको (ईडी अधिकारियों) और आपके आका (ईडी के शीर्ष अधिकारियों) को शर्म आनी चाहिए। आचार्य ने पोस्ट में कहा, मेरे पापा को खरोच भी आई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। अगर मेरे पापा को आज कुछ भीा हुआ तो इसके जिम्मेदार गिरगिट (नीतीश कुमार पर निशाना) के साथ साथ सीबीआई और ईडी होंगे। शेर (लालू) अकेला है, कमजोर नहीं।
दिल्ली से पटना पहुंची ईडी की टीम
ईडी सूत्रों के मुताबिक कथित ‘जमीन के बदले नौकरी घोटाला’ मामले में राजद नेता से पूछताछ करने के लिए दिल्ली से एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम रविवार को पटना पहुंची। केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को मामले के संबंध में लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव को पूछताछ के लिए नया समन जारी किया था। ईडी द्वारा पटना स्थित राजद प्रमुख की पत्नी एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर समन सौंपा गया था। दोनों को क्रमशः 29 और 30 जनवरी को ईडी अधिकारियों के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। ईडी ने हाल ही में इस मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था।
–
दिल्ली आवास पर नहीं मिले झारखंड सीएम सोरेन
जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय की एक टीम सोमवार सुबह 7 बजे राजधानी दिल्ली स्थित हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंची। ईडी की यह टीम जब हेमंत सोरेन के दक्षिणी दिल्ली के पॉश इलाके शांति निकेतन में उनके आवास पर पहुंची तो वह नदारद मिले। उनका कहना है कि उस दौरान ईसीआईआर में उल्लिखित अपराध की आय के बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया था। उनका कहना है कि यह स्वाभाविक रूप से एक घूमती हुई जांच है और राजनीति से प्रेरित है। उनका दावा है कि मीडिया ट्रायल चलाने के लिए प्रेस को झूठी सामग्री दी गई।
—
इधर, सोरेन का ईडी को पत्र, कहा-31 को पेश होंगे
हेमंत सोरेन ने ईडी को पत्र लिखा है। हेमंत सोरेन का कहना है कि 7 घंटे तक उन्हें ईडी के 17-18 सवालों का सामना करना पड़ा. क्या ईडी 2018 से 2022 के बीच सोहराई इवेंट्स और सोहराई भवन के व्यवसायों के बैंक में जमा राशि के बारे में पूछताछ करना चाहता है, जो सोरेन की पत्नी के कानूनी कार्यालय हैं। उनका आरोप है कि उनसे बरगई में कथित तौर पर उनकी जमीन के बारे में सवाल पूछे गए थे और उन्होंने चुनाव आयोग के हलफनामे में इसका खुलासा क्यों नहीं किया। हेमंत सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि आरोप गलत है और सवाल के बाद उन्होंने पूछताछ की और पाया कि संबंधित भूमि एक भुईंहारी भूमि है, जिसे बेचा नहीं जा सकता है और यह 5 दशकों से अधिक समय से पाहन परिवार के स्वामित्व वाली भूमि है।
000

