-44 साल तक हिंसा के रास्ते पर था संगठन
गुवाहटी। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) ने त्रिपक्षीय समझौते के आधार पर 44 साल बाद औपचारिक रूप से खुद को भंग कर दिया है। इस तरह पूर्वोत्तर राज्यों से हिंसा का काला अध्याय खत्म हो गया। जानकारी के मुताबिक उल्फा द्वारा 29 दिसंबर को केंद्र और असम सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के पच्चीस दिन बाद, सिपाझार में संगठन की अंतिम आम बैठक में यह निर्णय लिया गया। संगठन के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वार्ता समर्थक उल्फा, जिसने एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया था, उसी आधार पर अब औपचारिक रूप से संगठन को भंग कर दिया गया है। समझौते की एक धारा के अनुसार, उल्फा को हिंसा का रास्ता छोड़ देना होगा, सभी हथियार और गोला-बारूद छोड़ देना होगा और एक महीने के भीतर संगठन को खत्म कर देना होगा। उल्लेखनीय है कि त्रिपक्षीय समझौते पर केंद्र और राज्य सरकारों और उल्फा द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इसके साथ ही संगठन पर से देशद्रोह के मामले हटा दिए जाएंगे।
000

