–अयोध्या में आई शुभ घड़ी, प्राण प्रतिष्ठा से पहले शुरू हुई 7 दिन की पूजा-अर्चना
सात दिन तक ऐसी पूजा
16 जनवरी: प्रायश्चित और कर्मकुटी पूजन
17 जनवरी: मूर्ति का परिसर प्रवेश
18 जनवरी (शाम): तीर्थ पूजन, जल यात्रा, और गंधाधिवास
19 जनवरी (सुबह): औषधिधिवास, केसराधिवास, घृतधिवास
19 जनवरी (शाम): धान्यधिवास
20 जनवरी (सुबह): शर्कराधिवास, फलाधिवास
20 जनवरी (शाम): पुष्पाधिवास
21 जनवरी (सुबह): मध्याधिवास
21 जनवरी (शाम): शैयाधिवास
22 जनवरी : प्राण प्रतिष्ठा
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अयोध्या। ऐतिहासिक राम मंदिर में रामलला के पधारने की शुभ घड़ी आ गई। माता शबरी की तरह सनातन समाज की अखंड तपस्या फलित हो गई और रामलला अपने गृह प्रवेश की यात्रा पर पग बढ़ा चुके हैं। राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू हो गया। अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि पर बने भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह 22 जनवरी 2024 को होने वाला है। मंगलवार को प्रायश्चित पूजा से अनुष्ठानों की शुरुआत हो गई है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला की प्रतिमा का 17 जनवरी को राममंदिर में प्रवेश होगा। 18 जनवरी को गर्भगृह में उनके आसन पर खड़ी कर दी जाएगी।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय प्रेस कॉन्फ्रेंस में कार्यक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को दोपहर 12.20 से 1 बजे तक चलेगी। प्राण प्रतिष्ठा की मूर्ति का वजन 150 से 200 किलो है। रामलला की खड़ी प्रतिमा स्थापित होगी। 23 जनवरी से आम लोगों को दर्शन मिलने लगेगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को राममंदिर में होने जा रही रामलला प्राण प्रतिष्ठा से पहले दुनिया भर के रामभक्तों को एक काम सौंप दिया है। मंगलवार को एक्स पर जारी एक पोस्ट में ट्रस्ट ने रामभक्तों से लघु वीडियो के जरिए इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएं व्यक्त करने का आग्रह किया। पोस्ट में लिखा है- प्रभु श्री राम अपनी जन्मस्थली पर पांच शताब्दियों के पश्चात पुन: पधार रहे हैं। इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए सम्पूर्ण ब्रह्मांड उत्सुकता से प्रतीक्षा में है। प्रभु श्री राम के स्वागत की भव्यता को बढ़ाने के लिए, हम दुनिया भर के सभी रामभक्तों से एक लघु वीडियो के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में अपने विचार और भावनाएं व्यक्त करने का आग्रह करते हैं। आप ये वीडियो अपने पूरे नाम, जगह और संक्षिप्त व्यक्तिगत नोट के साथ #श्रीराम होमकमिंग लिखकर सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर सकते हैं। आईए, सभी मिलकर सामूहिक रूप से एकता के सबसे बड़े सूत्रधार भगवान श्रीराम के आगमन का उत्सव मनाएं। बता दें कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और देश भर के हजारों संतों और अन्य गणमान्य लोग शामिल होंगे।
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पद्मश्री योगीराज ने सौंपा श्री विग्रह
अनुष्ठान के पहले दिन शिल्पकार पद्मश्री अरुण योगीराज ने प्रतिष्ठाचार्य पं. लक्ष्मीकांत दीक्षित को भगवान का श्री विग्रह सौंपते हुए उनसे त्रुटि की क्षमा याचना के साथ विग्रह के परीक्षण का निवेदन किया।
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जय श्री राम के नारे के साथ जलाई 108 फुट लंबी अगरबत्ती
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास ने मंगलवार को गुजरात से यहां लायी गयी 108 फुट लंबी अगरबत्ती जलाई। दास ने श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए अगरबत्ती को जलाया। दावा किया गया कि अगरबत्ती की सुगंध 50 किमी तक दूर तक महकेगी। इस अगरबत्ती की चौड़ाई करीब साढ़े तीन फुट है और वजन 3,610 किलोग्राम है, जिसे गुजरात के वडोदरा से यहां लाया गया है। अगरबत्ती को तैयार करने के लिए गाय के गोबर, घी, सार, फूलों के अर्क और जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया गया। यह लगभग डेढ़ महीने तक जल सकती है।
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छत्तीसगढ़ का तंबूरा भी बजेगा
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह वाले दिन पूरा परिसर संगीतमय रहेगा। इस मौके पर छत्तीसगढ़ का तंबूरा, उत्तर प्रदेश की बांसुरी तथा ढोलक से लेकर तमिलनाडु के मृदंग जैसे देशभर के विभिन्न शास्त्रीय वाद्ययंत्र बजाए जाएंगे। चयनित संगीतकार अपने-अपने क्षेत्रों के भारतीय परंपरा से जुड़े विभिन्न प्रकार के ‘वाद्य यंत्र’ (संगीत वाद्ययंत्र) बजाएंगे। कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, महाराष्ट्र से सुंदरी, पंजाब से अलगोजा, ओडिशा से मर्दला, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग, असम से नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ से तंबूरा, बिहार से पखावज, दिल्ली से शहनाई और राजस्थान से रावणहत्था बजाने वाले कलाकर शामिल होंगे। पश्चिम बंगाल के श्रीखोल और सरोद, आंध्र प्रदेश से घटम, झारखंड से सितार, तमिलनाडु से नादस्वरम और मृदंग, और उत्तराखंड से हुड़का कलाकर भी कार्यक्रम में भाग लेंगे।
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आगरा से आया 56 किस्म का प्रसिद्ध पेठा
समारोह के सिलसिले में आगरा के एक प्रसिद्ध पेठा प्रतिष्ठान की ओर से श्री रामलला के भोग के लिए 56 किस्म का 560 किलोग्राम पेठा मंगलवार को यहां भेजा गया। पेठे के अलावा अन्य स्थानों से रत्न जड़ित पोशाक, चांदी की थाल, पूजा सामग्री आदि भी श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को मिली है। आगरा व्यापार मंडल की ओर से लाया गया पंछी पेठा यहां कारसेवकपुरम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल, विश्व हिन्दू परिषद के राजेंद्र सिंह पंकज आदि की उपस्थिति में स्वीकार किया गया।
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