एलन मस्क के ‘फ्री स्पीच’ पर बदले सुर,कहा- देश के कानून के हिसाब से होगा

नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने ट्विटर को खरीद लिया है। माइक्रोब्लॉगिंग सोशल साइट ट्विटर के नए मालिक मस्क के मुताबिक ‘फ्री स्पीच’ यानी कि ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का आसान शब्दों में मतलब है कि कानून के मुताबिक रखी गई बात। मस्क के अपने ट्वीट में कहा है कि अगर कोई नियम से हटकर सेंसरशिप करता है तो वह इसके खिलाफ हैं। मस्क के मुताबिक अगर लोग ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ कम चाहते हैं तो उन्हें सरकार से इसके लिए कानून बनाने को कहना चाहिए। उन्होंने अपने इस ट्वीट को अपने ट्विटर हैंडल पर पिन किया है। मस्क के इस ट्वीट पर कई यूजर्स ने अहम सवाल उठाए हैं जैसे कि किस देश के कानून के हिसाब से यह तय होगा और एक यूजर्स ने तो एक संस्था को मस्क द्वारा ब्लॉक किए जाने पर ही सवाल उठा दिए हैं।

कानून के मुताबिक फ्री स्पीच को परिभाषित किया

कुछ समय पहले मस्क ने कहा था कि फ्री स्पीच किसी लोकतंत्र की बेहतरी का मूल है और ट्विटर डिजिटल टाउन स्क्वॉयर है,जहां मानवता के भविष्य से जुड़ी बातों को लेकर विमर्श होता है। मस्क ने कहा था कि वह ट्विटर को नए फीचर्स से लैस कर अब तक का सबसे बेहतर प्रोडक्ट बनाना चाहते हैं। हालांकि ट्विटर खरीदने के बाद अब उन्होंने कानून के मुताबिक फ्री स्पीच को परिभाषित किया है।

माना जा रहा है कि उनका यह बदला रुख यूरोपियन कमिश्नर थेरी ब्रेटन की चेतावनी के चलते आया है। ब्रेटन ने ट्वीट किया है कि चाहे कार हो या सोशल मीडिया, अगर कोई कंपनी यूरोप में काम कर रही है तो उसे उनके नियमों के मुताबिक चलना होगा चाहे उनकी शेयरहोल्डिंग कितनी भी हो। ब्रेटन ने लिखा कि मस्क इसे बेहतर तरीके से जानते हैं। ब्रेटन ने लिखा है कि मस्क ऑटोमेटिव पर यूरोपीय कानूनों को जानते हैं और वह जल्द ही डिजिटल सर्विसेज एक्ट को भी अपनाएंगे।

मस्क के ‘फ्री स्पीच’ पर व्यंग्य

ट्विटर को खरीदने के बाद उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा था, मैं उम्मीद करता हूं कि मेरे सबसे बड़े आलोचक ट्विटर पर बने रहेंगे क्योंकि फ्री स्पीच का मतलब ही यही है। हालांकि अमेरिका के एक ट्विटर हैंडल ने मस्क पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि फ्री स्पीच के लिए मस्क इतना अधिक प्रतिबद्ध हैं कि उन्होंने ब्लॉक कर दिया है। पब्लिक सिटीजन के ट्विटर हैंडल पर दी गई जानकारी के मुताबिक यह एक गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी संस्था है,जिसने पिछले 50 वर्षों में सरकार की जवाबदेही सुनिश्चित की है। यह कॉरपोरेट पॉवर के लिए लड़ती है।


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