नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने पर बन सकती है सहमति

-इंडिया गठबंधन की बैठक आज, सीट शेयरिंग सहित कई मुद्दों पर होगी चर्चा

  • मनमुटाव की खबरों के बीच फिर जुटेंगे 14 पार्टियों के नेता

-सुबह 11:30 बजे होने वाली इस वर्चुअल मीटिंग में होगी आगे की कार्ययोजना तैयार

(फोटो : इंडिया)

नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी की हैट्रिक रोकने की कवायद में जुटी विपक्षी पार्टियों के इंडिया गठबंधन की बैठक कल शनिवार को होनी है। इस बैठक में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एम.के स्टालिन, नीतीश कुमार समेत 14 पार्टियों को नेता बैठक में हिस्सा लेंगे। सुबह 11:30 बजे होने वाली इस वर्चुअल मीटिंग में सभी नेता एक दूसरे से बातचीत करेंगे और आगे की योजना तैयार करेंगे। 13 जनवरी को होने वाली ये बैठक बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कारण, इस बैठक में सीट बंटवारे पर चर्चा तो होगी ही, साथ ही नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक बनाने पर भी सहमति बन सकती है। हालांकि अभी बैठक के एजेंडा का खुलासा नहीं किया गया है। बता दें कि विपक्षी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस यानी इंडिया गठबंधन की पहले भी कई बैठकें हो चुकी हैं। पटना, बेंगलुरु और मुंबई के बाद गठबंधन की बैठक दिल्ली में भी हो चुकी है। पहली मीटिंग बिहार के पटना में 23 जून को हुई थी। वहीं दूसरी मीटिंग बेंगलुरु में 17 और 18 जुलाई को हुई थी। तीसरी बैठक मुंबई में 31 और 1 सितंबर को हुई थी। चौथी बैठक दिसंबर में दिल्ली में हुई थी। इन बैठकों में पार्टियों को एक साथ लाने से लेकर सीट बंटवारे तक की चर्चा हो चुकी है। हालांकि राज्यवार सीट बंटवारा का मामला अभी फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि इस बैठक में इस मुद्दे को सुलझाने का काम किया जाएगा।

हो चुकी हैं अलग-अलग बैठकें

बता दें कि राज्यवार सीट बंटवारे को लेकर पार्टियों की अलग-अलग बैठकें भी हो चुकी हैं। अभी तक महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी, आरजेडी और समाजवादी पार्टी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर बैठकें हो चुकी हैं। कई राज्यों में कांग्रेस और अन्य पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है।

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इधर, बंगाल, यूपी सीट शेयरिंग वाली बैठकें रद्द

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच में सीट शेयरिंग को लेकर होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस पहले बसपा के साथ बैठक करेगी, उसके बाद सपा के साथ मंथन किया जाएगा। अब बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर यूपी कांग्रेस काफी उत्साहित है, लेकिन अखिलेश यादव की तरफ से ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है। पिछली इंडिया गठबंधन की बैठक में उन्होंने कांग्रेस से अपना रुख साफ करने के लिए कहा था। अभी के लिए तो बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेता जरूरत से ज्यादा व्यस्त हैं, इसी वजह से बैठक इस बार नहीं हो पाई। लेकिन अंदरखाने खबर है कि यूपी में भी दूसरे राज्यों की तरह सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति साफ नहीं है। यहां भी कांग्रेस ज्यादा सीटें चाहती है, लेकिन सपा उतनी देने को तैयार नहीं। इसके ऊपर जिस तरह से कांग्रेस बसपा को साथ लाने की बात कर रही है, इसने भी सपा को असहज करने का काम किया है।

बसपा ने नहीं साफ किया है रुख

वैसे इस पूरी सियासत में बहुजन समाज पार्टी का रुख भी ज्यादा साफ नहीं हुआ है। किसी भी नेता ने सामने से आकर नहीं बोला है कि वो इंडिया गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। कुछ दिन पहले जरूर ऐसी बातें सामने आई थीं कि अगर मायावती को पीएम उम्मीदवार बनाया जाए, वे गठबंधन के साथ जा सकती हैं। लेकिन कांग्रेस को छोड़ कोई दूसरा दल अभी बसपा को ज्यादा तवज्जो देने का काम नहीं कर रहा है।

यूपी में फंसता दिख रहा पेंच

अब यूपी में तो पेंच फंसता दिख रहा है, बंगाल में टीएमसी ने सीट शेयरिंग वाली बैठक रद्द कर दी है। असल में टीएमसी ने साफ कर दिया है कि वो कांग्रेस को दो से ज्यादा सीटें नहीं देने वाली है, वहीं कांग्रेस कम के कम सात सीटों पर अपना दावा ठोक रही है। इसी रवैये की वजह से टीएमसी ने सीट शेयरिंग वाली बैठक को रद्द कर दिया। यानी कि बात चाहे यूपी की हो या बंगाल की, सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पा रही है। सभी पार्टियों को क्योंकि ज्यादा से ज्यादी सीटों पर लड़ना है, ऐसे में आम सहमति बनती नहीं दिख रही। इसके ऊपर बसपा की वजह से भी कई चीजें बीच अधर में फंस गई हैं। ऐसी खबर है कि कांग्रेस नेता 15 जनवरी को मायावती से मुलाकात कर सकते हैं। असल में उस दिन बसपा प्रमुख का जन्मदिन है, ऐसे में बधाई के साथ गठबंधन को लेकर राजी करने की बड़ी पहल भी की जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो उस स्थिति में अखिलेश यादव की मुश्किलें ज्यादा बढ़ जाएंगी।

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