महुआ मामला : सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा महासचिव से मांगा जवाब

  • कैश-फॉर-क्वेरी को लेकर हुआ है निष्कासन

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कैश-फॉर-क्वेरी मामले में लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस पार्टी की नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर बुधवार को सुनवाई की। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने लोकसभा के महासचिव से दो हफ्ते के अंदर मामले में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट आगे इस मामले की सुनवाई 11 मार्च से शुरू हो रहे हफ्ते में करेगा। गौरतलब है कि महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में शीत सत्र के दौरान लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। मोइत्रा ने उनके निष्कासन की सिफारिश करने वाली लोकसभा की आचार समिति पर पर्याप्त सबूत के बिना फैसले लेने और मनमानी का आरोप लगाया है। महुआ मोइत्रा ने अपनी याचिका में अयोग्यता को चुनौती देने के साथ आचार समिति के निष्कर्षों पर चर्चा के दौरान लोकसभा में खुद का बचाव करने की अनुमति नहीं दिए जाने की बात कही है।

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SC: जेलों में जातिगत भेदभाव पर केंद्र-राज्यों को नोटिस

जेलों में जातिगत भेदभाव और अलग-अलग जाति आधारित मैंनुअल काम आवंटित करने पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर उच्चतम न्यायालय में सुनवाई चल रही हैं। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर केंद्र सरकार और 12 राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया हैं। गौरतलब हैं कि याचिका में जेलों में जातिगत भेदभाव और उन्हें अलग-अलग जातियों के आधार पर काम देने पर रोक की मांग की गई हैं।

एल्गार मामला : महाराष्ट्र सरकार-एनआईए से मांगा जवाब

एल्गार मामले में आरोपी डीयू प्रोफेसर हनी बाबू की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति संजय की पीठ मामले पर सुनवाई कर रही हैं। गौरलतब हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 सितंबर 2022 को हनी बाबू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। मामले की जांच कर रही एनआईए ने हनी बाबू पर प्रतिबंधित संगठन की विचारधारा को फैलाने का आरोप लगाया है। आरोपी को जुलाई 2020 में गिरफ्तार किया गया था, जो वर्तमान में नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल में बंद हैं।

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