तुलसी विवाह पर 4 दुर्लभ संयोग, धन की देवी मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान
रायपुर। हिंदू धर्म में कार्तिक माह का बहुत महत्व ज्यादा महत्व है। इस माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने की निद्रा के बाद जागते हैं, उनके जागने के बाद ही सभी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य फिर से शुरू होते हैं। इस बाद चार दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। ऐसे में छत्र योग से लोगों को राजा का आशीर्वाद मिलेगा, वहीं सवार्थ सिद्धीयोग से मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। ज्योतिषाचार्य पं. दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार इस साल तुलसी विवाह 23 नवंबर कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की देवउठनी एकादशी को होगा। इसी दिन भगवान शालिग्राम और माता तुलसी का विवाह किया जाएगा। तुलसी विवाह का मुहूर्त 24 नवंबर तक रहेगा।
–
बन रहे ये अद्भुत संयोग
तुलसी विवाह के दिन 23 और 24 नवंबर को अद्भुत संयोग बन रहा है। अमृत सिद्धि योग 24 सितंबर की सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर शुरू होगा जो शाम 4 बजे तक रहेगा। तुलसी विवाह पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। इसमें किए गए धार्मिक काम शुभ माने जाते हैं। इसके अलावा इस दिन सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। यह सुबह 9 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।
–
चार दुर्लभ योग
वज्र योग- यह स्वर्ण आभूषण प्रदान करेगा
छत्र योग- मनुष्य को राजा का आशीर्वाद दिलाएगा
रवि योग- सूर्य के आशीर्वाद से काया निरोगी होगी
सवार्थ सिद्धी योग- लोगों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी
क्यों कहा जाता है देवउठनी एकादशी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु जी की असमय नींद की वजह से माता लक्ष्मी विश्राम नहीं कर पाती थीं। इसीलिए मां लक्ष्मी ने एक बार विष्णु जी से कहा, हे नाथ! आप सृष्टि कल्याण में व्यस्त होते हैं आप समय से नींद नहीं लेते, दिन-रात जागते हैं और अगर सोते हैं तो जल्दी उठते नही साथ ही कभी- कभी अचानक सो जाते हैं। आप नियम से प्रतिवर्ष निद्रा लिया करें। ऐसा करके मुझे भी विश्राम करने का समय मिल जाएगा। माता लक्ष्मी की इस बात को सुन भगवान विष्णु मुस्कुराए और बोले, हे देवी! आपने सही कहा। मेरे जागने से आप ही नहीं बल्कि सभी देवों को भी कष्ट हो जाता है। मेरी सेवा के कारण आपको भी आराम नहीं मिल पाता। इसीलिए अब से मैं प्रतिवर्ष नियम से चार माह की निद्रा लूंगा। ऐसे आपको और सभी देवगणों को विश्राम का अवसर मिल सकेगा. तब से विष्णु शयनी एकादशी को भगवान सोते हैं और 4 माह बाद कार्तिक की एकादशी को जागते हैं।
0000


 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                 
                                                    
                                                                                                