- मौसम ने दिया राजधानीवासियों को बड़ा गिफ्ट
 
(फोटो : एक्यूआई)
नई दिल्ली। दिवाली से पहले मौसम ने दिल्ली-एनसीआर वालों को बड़ा गिफ्ट दिया है। दिल्ली-नोएडा के कई इलाकों में रातभर झमाझम बारिश हुई। मौसम में बदलाव होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। साथ ही पॉल्यूशन से भी बड़ी राहत मिली है। दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई का स्तर 400 से गिरकर 100 हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली के बवाना, कंझावला, मुंडाका, जाफरपुर, नजफगढ़, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बारिश हुई।
आईएमडी ने कहा कि बहादुरगढ़, गुरुग्राम, मानेसर समेत एनसीआर के कुछ इलाकों में भी बारिश हुई। इसके साथ ही हरियाणा के रोहतक, खरखौदा, मट्टनहेल, झज्जर, फरुखनगर, कोसली के आसपास के इलाकों में भी बारिश होने के आसार है। इससे प्रदूषण से राहत मिलने की संभावना है। मौसम विभाग ने बताया कि गुरुवार देर रात से दक्षिण-पश्चिम दिल्ली, एनसीआर (गुरुग्राम) के साथ ही हरियाणा के अलग-अलग स्थानों पर बारिश हुई। गोहाना, गन्नौर, महम, सोनीपत, खरखौदा, चरखी दादरी, मट्टनहेल, झज्जर, फरुखनगर, कोसली, सोहना, रेवाड़ी, बावल में बूंदाबांदी हुई है। वहीं राजस्थान के भिवाड़ी में भी बारिश की संभावना है।
दिल्ली सरकार ने लिया आर्टिफिशियल बारिश का फैसला
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश कराने की तैयारी भी कर ली है। दिल्ली में 20 और 21 नवंबर के आसपास कृत्रिम बारिश कराई जाएगी। लेकिन इससे पहले सरकार ने पायलट स्टडी कराने का फैसला किया है, जिसमें करोड़ो रुपये खर्च होंगे। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आईआईटी-कानपुर टीम से मुलाकात के बाद कहा था कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक के जरिए कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है।
20 नवंबर तक बारिश के पहले चरण की व्यवस्था
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश की लागत वहन करने का फैसला किया है। वहीं, मुख्य सचिव को आज सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार के विचार पेश करने का निर्देश दिया है। अधिकारियों ने बताया कि अगर केंद्र फैसले का समर्थन करता है, तो दिल्ली सरकार 20 नवंबर तक शहर में कृत्रिम बारिश के पहले चरण की व्यवस्था कर सकती है। मुख्य सचिव को सुप्रीम कोर्ट को सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि दिल्ली सरकार सैद्धांतिक रूप से आईआईटी-कानपुर टीम की सलाह के आधार पर कृत्रिम बारिश के चरण 1 और चरण 2 की लागत (कुल 13 करोड़ रुपये) वहन करने के लिए सहमत हो गई है।
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