- बोले- मेरी मूर्खता से बन गया था मुख्यमंत्री
 
पटना। विधानसभा में महिलाओं को लेकर आपत्तिजनक बयान के बाद नीतीश कुमार ने फिर से एक बार गलत बयानबाजी की है। वे गुरुवार को विधानसभा में राज्य के पूर्व सीएम को जवाब देते हुए मर्यादा भूल बैठे औऱ जमकर तू-तड़ाक किया। इस दौरान नीतीश के साथ में बैठे एक विधायक उन्हें टोकते रहे लेकिन नीतीश रुके नहीं। नीतीश कुमार ने विधानसभा में बोलते हुए कहा कि उनकी मुर्खता की वजह से जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री बन गए। नीतीश कुमार ने विधानसभा में कहा, “मेरी गलती है कि इस आदमी को हमने बना दिया था मुख्यमंत्री। कोई सेंस नहीं है इसमें, ऐसे ही बोलते रहता है।”मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “हम कह रह रहे थे आप ही लोगों के साथ रहिए, और ये भाग कर चला आया था साथ पार्टी में, अभी हम जानकर के भगा दिए इसको। ये कोई प्रचारित करता है।”
‘मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री था’
सदन में बीजेपी विधायकों की रोका-टोकी के बीच में नीतीश कुमार ने कहा, “आप लोगों को जब छोड़ दिए थे 2013 में, जब आप लोगों को छोड़ दिए थे… अकेले थे… हम इसको बना दिए… इसके बाद हमारी पार्टी का जो लोग था… सब हमको दो ही महीने में कहने लगा- गड़बड़ है इसको हटाइये…और अंत में हमको बाध्य किया, फिर हम बन गए थे… कहता रहता है कि ये भी मुख्यमंत्री थे… अरे, क्या मुख्यमंत्री था… ये तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री था…”
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आरक्षण बढ़ाने वाला बिल पारित, SC की तय सीमा हुई पार
बिहार में आरक्षण का दायरा 75 प्रतिशत तक बढ़ाने वाला रिजर्वेशन बिल विधानसभा से गुरुवार को पास हो गया। बिहार विधानसभा ने अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अति पिछड़ा वर्गों (ईबीसी) एवं अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के लिए आरक्षण की मौजूदा सीमा 50 फीसदी को बढ़ाकर 65 प्रतिशत करने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में इन वर्गों के आरक्षण को बढ़ाने के प्रस्ताव वाले विधेयकों को विधानसभा ने ध्वनि मत के जरिए सर्वसम्मति से पारित कर दिया। नीतीश कुमार ने बिल पेश करते हुए कहा कि पार्टियों की सहमति से फैसला लिया गया। पहले 50 प्रतिशत आरक्षण था, फिर केंद्र ने 10 प्रतिशत ईडब्लूएस के लिए दिया। हम लोगों ने उसे भी लागू किया। अब 15 प्रतिशत और बढ़ा दिया है। इसके बाद राज्य में 75 प्रतिशत आरक्षण हो जाएगा। विधेयक के अनुसार, एसटी के लिए मौजूदा आरक्षण दोगुना कर किया जाएगा जबकि एससी के लिए इसे 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी किया जाएगा। वहीं, ईबीसी के लिए आरक्षण 18 फीसदी से बढ़ाकर 25 प्रतिशत तो ओबीसी के लिए आरक्षण को 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 प्रतिशत किया जाएगा।
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