हाईकोर्ट ने कहा- पीएससी मामले को न बनाएं राजनैतिक मुद्दा

अंतिम सुनवाई 11 दिसंबर को

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ी काे लेकर पूर्व गृहमंत्री व रामपुर के विधायक ननकी राम कंवर ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर की है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने समय मांगा। इस पर सीजी पीएससी के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि जानबूझकर समय मांगा जा रहा है। साथ ही झूठी बयानबाजी कर आयोग की छवि को खराब किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से दोनों पक्षों काे बचना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि याचिका में कही बातें सही मिली तो राज्य लोक सेवा आयोग पर भी कार्रवाई होगी और यह पाया जाता है कि याचिका सिर्फ राजनीति या बिना तथ्यों के आधार पर दायर हुई तो उस पर कार्रवाई होगी।

सोमवार को मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में हुई। राज्य लोक सेवा आयोग के अधिवक्ता अभिषेक सिन्हा ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा रिज्वाइंडर पेश करने और बहस के लिए समय मांगे जाने का विराेध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा जानबूझकर समय की मांग की जा रही है। समय मांगे जाने के बाद एक बार फिर बयानबाजी की जाती है। ऐसा कर राज्य लोक सेवा आयोग की छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है। आयोग के अधिवक्ता की शिकायत पर डिवीजन बेंच ने कहा कि मामला कोर्ट में लंबित है। सुनवाई चल रही है। ऐसी स्थिति में दोनों पक्षों को बयानबाजी से बचना चाहिए। संयम बरती जानी चाहिए। इसकी जरुरत भी है।

गुण दोष के आधार पर फैसला देगा हाईकोर्ट

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि देखने और सुनने में तो यही आ रहा है कि दोनों पक्षों द्वारा बयानबाजी चल रही है। जब हमने नोटिस कर दिया है और मामला विचाराधीन है तो फैसले का इंतजार करना चाहिए। डिवीजन बेंच ने स्पष्ट किया कि हम गुण दोष के आधार पर फैसला देंगे। सभी पक्ष संयम बरते और इस तरह की बातें न करें। यही अच्छा रहेगा। डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता और राज्य लोक सेवा आयोग के अधिवक्ताओं से साफ कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा जिन मुद्दों को लेकर याचिका दायर की गई है और आरोप के संबंध में जो तथ्य पेश किए गए हैं अगर सही पाए जाते हैं तो राज्य लोक सेवा आयोग के खिलाफ कार्रवाई होगी। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता द्वारा पेश जनहित याचिका में तथ्य गलत पाए जाते हैं तो याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई होगी साथ ही इस बात की भी जांच की जाएगी कि याचिकाकर्ता ने याचिका क्यों दायर की। उनका उद्देश्य क्या था।

फर्जीवाड़ा का आरोप, 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री ननकीराम कंवर ने पेश की है। जिसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के आधा दर्जन के करीब रिश्तेदार डिप्टी कलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो की बेटी व बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची पेश करते हुए आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां गलत तरीके से हुई है। पिछले दरवाजे से की गई इन नियुक्तियों को रद्द करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।

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