गाजा सीजफायर मसले पर मोदी सरकार के रुख से भड़का विपक्ष

-पवार, प्रियंका और ओवैसी ने विदेश नीति पर उठाए सवाल

-संयुक्त राष्ट्र में गीजा सीजफायर प्रस्ताव पर हुई थी वोटिंग

  • इस प्रस्ताव का 120 देशों ने किया है समर्थन, जबकि भारत समेत 45 देशों ने नहीं की वोटिंग

(फोटो : प्रस्ताव)

नई दिल्ली। गाजा में युद्धविराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार को हुई वोटिंग में भारत ने वोटिंग से परहेज किया है। मोदी सरकार के इस रुख से विपक्ष भड़क गया है। प्रियंका गांधी, शरद पवार, असदउद्दीन ओवैसी जैसे नेताओं ने वोटिंग के दौरान, भारत की अनुपस्थित पर जमकर नाराजगी जताई है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को कहा कि यूएन में भारत के कदम से वह ‘स्तब्ध और शर्मिंदा’ हैं। भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस प्रस्ताव पर वोटिंग से हट गया, जिसमें मौजूदा इजराइल-हमास संघर्ष में मानवीय सीजफायर का समर्थन किया गया था। महात्मा गांधी के शब्दों का हवाला देते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देती है और एक स्टैंड लेने से इंकार करना उन सभी चीजों के खिलाफ है जिसके लिए देश एक राष्ट्र के रूप में खड़ा रहा है।”प्रियंका ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “फिलिस्तीन में मानवता के हर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बता दें, संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र में गाजा में मानवीय आधार पर सीजफायर के लिए प्रस्ताव पेश किया गया। इस प्रस्ताव का 120 देशों ने समर्थन किया लेकिन भारत, ब्रिटेन, जर्मनी समेत 45 देशों ने वोटिंग से खुद को अलग रखा।

सरकार में भ्रम की स्थिति : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार में भ्रम की स्थिति है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में ऐसा भ्रम कभी नहीं देखा और देश के इतिहास में भारत की नीति हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन करने की रही है, न कि इज़राइल की। शरद पवार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इज़राइल के साथ एकजुटता व्यक्त की थी ताकि विदेश मंत्रालय बाद में कुछ अलग कह सके।

ओवैसी का सरकार पर हमला

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पोस्ट करते हुए कहा, ‘यह हैरान करने वाला कदम है कि मोदी सरकार ने मानवीय संघर्ष विराम और नागरिक जीवन की सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव पर मतदान करने से परहेज किया। इजरायल ने गाजा में 7028 लोगों की हत्या कर दी है, यहां 45% घर नष्ट हो गए हैं। 14 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

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कांग्रेस को कलंक पसंद है : गिरिराज

प्रियंका के पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत फिलिस्तीन के साथ खड़ा है। लेकिन प्रियंका वोट के लिए आतंकवादी हमास के साथ खड़ी हैं। गिरिराज ने कहा, ‘प्रियंका गांधी वोट के लिए क्या-क्या करोगे? हम फिलिस्तीन के अस्तित्व के लिए कल भी खड़े और आज भी खड़े हैं। लेकिन हमास जैसे आतंकवादी संगठन का पक्ष कांग्रेस ही ले सकती है सामान्य लोग तो नहीं ले सकते हैं। हमास कोई क्रांतिकारी संगठन नहीं है। हमास एक उग्रवादी संगठन है, हमास मानवता के ऊपर एक कलंक हैं। ‘

भारत ने बनाई वोटिंग से दूरी

(फोटो : योजना पटेल)

भारत ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बना ली. इस प्रस्ताव का मकसद गाजा में “तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम” का आह्वान करना तो था लेकिन इसमें आतंकी कृत्य को अंजाम देने वाले समूह हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। इसी कारण भारत ने इस मसौदा प्रस्ताव पर मतदान करने से दूरी बना ली। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा, ‘ऐसी दुनिया में जहां मतभेदों और विवादों को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए, इस प्रतिष्ठित संस्था को हिंसा पर गहराई से चिंतित होना चाहिए। 7 अक्टूबर को इज़रायल में आतंकवादी हमले चौंकाने वाले थे और निंदा के लायक थे। आतंकवाद एक घातक रोग है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती।

गाजा में हो रही मौतें चिंताजनक

भारत ने कहा, ‘गाजा में जारी संघर्ष के दौरान हो रही मौतें एक गंभीर और निरंतर चिंता का विषय है। नागरिक, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने के प्रयासों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने का स्वागत करते हैं। भारत ने भी इस प्रयास में योगदान दिया हैं। भारत लगातार बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और जारी संघर्ष में आमजन की आश्चर्यजनक क्षति से बहुत चिंतित है। भारत ने हमेशा इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के लिए बातचीत के जरिए ‘दो देश समाधान’ का समर्थन किया है।

मसौदे में की मांग

संयुक्त राष्ट्र महासभा में इजरायल गाजा विवाद पर यह प्रस्ताव जॉर्डन ने पेश किया था जिसमें तत्काल, टिकाऊ और निरंतर मानवीय संघर्ष विराम” का आह्वान किया गया। इसने पूरे गाजा पट्टी में नागरिकों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं के तत्काल, निरंतर, पर्याप्त और निर्बाध प्रावधान की भी मांग की गई।

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