गिनीज बुक ने बताया कैसे मारा गया सबसे लंबा और जहरीला सांप?

(फोटो : किंग कोबरा)

वाशिंगटन। द्वितीय विश्वयुद्ध की वजह से पूरी दुनिया में भयानक तबाही मची। खून के प्यासे कई देश 6 साल तक बमों की बारिश करते रहे। एक अनुमान के मुताबिक, अकेले यूरोप में पांच लाख से ज्यादा घर तबाह हो गए थे।  लाखों लागों की जान गई थी और लाखों हमेशा के लिए अपंग हो गए थे।  मगर एक और ऐतिहासिक घटना घटी। इतिहास में दर्ज अब तक का सबसे लंबा और जहरीला सांप भी इसी युद्ध की वजह से मारा गया।  लेकिन क्यों? गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने इसकी जानकारी शेयर की है।  क्या आप जानते हैं कि वह भी किंग कोबरा ही था, जो ज्यादातर भारत और एशियाई देशों में पाया जाता है।

गिनीज बुक के मुताबिक, यह सांप हमाड्रियाड प्रजाति का किंग कोबरा था, जो दुनिया में सबसे जहरीले सांपों में से एक है।  भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में यह पाया जाता है।  आमतौर पर यह 3.7 से 4 मीटर यानी 13 फीट तक लंबा और 6.8 किलो तक वजनी होता है, लेकिन अप्रैल 1937 में मलेशिया के नेगेरी सेम्बिलान में पकड़े गए किंग कोबरा की लंबाई 5.71 मीटर यानी 18 फीट 8 इंच थी।  जो अब तक का सबसे लंबा जहरीला सांप है।  बाद में इसे ब्रिटेन के लंदन चिड़ियाघर में रखा गया।  1939 की सर्दियों तक इसकी लंबाई और बढ़ गई थी।  लेकिन चूंकि माप उसी समय का था, इसलिए पुराना माप ही लिया जाता है।

इस वजह से मारना पड़ा

जब द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ गया, तो चिड़ियाघर के कई अन्य विषैले सांपों के साथ इस सांप को भी मारना पड़ा। अधिकारियों को आशंका थी कि चिड़ियाघर पर बमबारी की जा सकती है।  इससे जहरीले जानवर शहर की ओर भाग सकते हैं।  जनता को खतरे से बचाने के लिए कठिन निर्णय लिया गया।  लंदन चिड़ियाघर आज भी अपनी वेबसाइट पर उसे एक दुखद दिन के तौर पर याद करता है।  इसमें कहा गया है कि 3 सितंबर 1939 को युद्ध छिड़ने पर सरकार के आदेश से प्राणी उद्यान बंद कर दिए गए थे।  हम पहले से तैयारी कर रहे थे।  इसलिए कई जानवर दो विशाल पांडा, दो ऑरंगुटान, चार चिंपैंजी, तीन एशियाई हाथी और एक शुतुरमुर्ग को व्हिपसनेड चिड़ियाघर में भेज दिया था।  यकीन था कि वहां सुरक्षित होंगे।

जानवरों को हटाया गया

जू की वेबसाइट के मुताबिक, चिड़ियाघर पर बमबारी होने पर खतरनाक जानवरों के शहर में भागने की संभावना को देखते हुए सभी जहरीले जानवरों को मार दिया गया।  हालांकि, कुछ सरीसृपों को बचा लिया गया।  उनमें कोमोडो ड्रैगन और चीनी मगरमच्छ भी शामिल थे।  दो विशाल अजगरों को रखने के लिए 8 फीट लंबे, 4 फीट चौड़े और 2 फीट गहरे दो बड़े लकड़ी के बक्से बनाए गए।  एक 28 फीट लंबा और दूसरा 25 फीट लंबा था।  चिड़ियाघर और बचे हुए जानवरों की देखभाल करने वालों के लिए यह अविश्वसनीय रूप से कठिन समय था। खाने-पीने की चीजें कम हो गई थीं। इसलिए काफी मुश्किलें हुई थीं।

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