राशन घोटाले में ईडी की कार्रवाई
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में कई करोड़ रुपये के कथित राशन वितरण घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि मंत्री को 17-18 घंटे से अधिक की पूछताछ के बाद शुक्रवार को तड़के धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया।
ज्ञात हो कि मलिक वर्तमान में राज्य के वन मंत्री हैं और इससे पहले वह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का जिम्मा संभाल रहे थे। ईडी ने इससे पहले मंत्री बकिबुर रहमान के एक विश्वासपात्र को गिरफ्तार किया था जिसकी रिमांड इस सप्ताह खत्म होने वाली है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी मामले में घटनाक्रम के बारे में दोनों का बयान जानने के लिए उन्हें आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है। ईडी अधिकारियों ने कहा कि मलिक को तड़के साढ़े तीन बजे कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित सॉल्ट लेक में उनके आवास से यहां केंद्रीय एजेंसी के कार्यालय लाया गया।
मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार : मलिक
तृणमूल कांग्रेस के मंत्री ने कहा मैं बहुत बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं। मलिक ने यह भी आरोप लगाया कि यह साजिश भाजपा और उसके नेता शुभेंदु अधिकारी ने रची है जो पहले तृणमूल कांग्रेस पार्टी में पूर्व सहयोगी थे। मलिक ने कहा, ‘‘यह एक साजिश है। भाजपा हम सब के खिलाफ नापाक साजिशें रचने में सक्रियता से शामिल रही है।”
ईडी के छापे गंदी राजनीति : ममता
ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों के नेताओं के खिलाफ ईडी की छापेमारी को भाजपा की ‘‘एक गंदी राजनीति” बताया। वे मलिक के आवास पर छापेमारी की कार्रवाई को इससे पहले ‘‘बदले की राजनीति” करार दे चुकी हैँ। ममता बनर्जी ने कहा कि आखिर सीबीआई और ईडी शुभेंदु अधिकारी जैसे भाजपा नेताओं पर चुप क्यों है जिनका नाम नारद और शारदा घोटाले में आ चुका है? क्या यह इसलिए है कि वह भाजपा के नेता हैं?
टीएमसी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी : भाजपा
राज्य के मंत्री की गिरफ्तारी के जवाब में भाजपा ने कहा कि मामले में जांच की गति को देखते हुए ऐसा होना ‘‘अपेक्षित” था। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सामिक भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘उनके सहयोगियों में से एक द्वारा किए गए खुलासे के बाद गिरफ्तारी अपेक्षित थी, जिसे कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया गया था। एक बार फिर यह साबित हुआ है कि तृणमूल कांग्रेस भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है।
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