-चीन के दबाव में आकर कॉरिडोर को लेकर समझौते की है चर्चा
नई दिल्ली। चीन के दबाव में आकर डोकलाम कॉरिडोर को लेकर समझौता करने की कोशिश कर रहे भूटान को भारत सरकार ने आगाह किया है। भारत ने स्पष्ट शब्दों में भूटान से कहा है कि डोकलाम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर किसी भी तरह के समझौते के वह खिलाफ है। सीमा विवाद के किसी भी समाधान से भारत के हितों पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ना चाहिए। दरअसल, राजनयिक संबंध स्थापित करने और सीमा विवाद को जल्द से जल्द हल करने के लिए चीन और भूटान बातचीत कर रहे हैं। इसको लेकर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने बीजिंग में भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी से मुलाकात भी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को जल्द से जल्द हल निकालने पर सहमति भी बन गई है। चीन भूटान की लगभग 764 वर्ग किमी जमीन पर अपना दावा करता है।
भारत ने भूटान को चेताया
रिपोर्ट के मुताबिक, मोदी सरकार ने भूटान से कहा से है कि भारत डोकलाम कॉरिडोर जैसे संवेदनशील मुद्दों पर किसी भी तरह के समझौते के खिलाफ है और सीमा विवाद के किसी भी समाधान से भारत के हितों पर किसी भी तरह का असर नहीं पड़ना चाहिए। ल 2017 में चीनी सेना ने इस क्षेत्र में सड़क का निर्माण शुरू कर दिया था तब भारतीय सैनिकों ने इसका विरोध किया था जिसके बाद दोनों देशों के बीच लंबे समय तक गतिरोध की स्थिति बनी रही थी। भूटान, भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक है और दशकों से भारत के साथ सैन्य साझेदारी सहित रणनीतिक संबंध रखता है।
डोकलाम भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा
डोकलाम पठार भारत, भूटान और चीन के एक त्रिकोण पर स्थित है। इसके पहाड़ी इलाके पर भूटान और चीन दोनों ही अपने दावे पेश करते हैं। भारत भूटान के दावे का समर्थन करता है। डोकलाम का मुद्दा भारत के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि चीन का भूटान के इलाकों में अतिक्रमण भारत से जुड़ा हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि डोकलाम में चीन का नियंत्रण सीधे तौर पर भारत के सुरक्षा हितों के खिलाफ होने वाला है।
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