—केंद्रीय मंत्रिमंडल का फैसला, रबी सत्र में खर्च होंगे 22,303 करोड़
— उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के किसानों के लिए जमरानी बांध
इंट्रो
केंद्र सरकार ने किसानों को राहत दी है। उन्हें रियायती दरों पर खाद मिलती रहेगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में रबी सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 22,303 करोड़ रुपए की सब्सिडी मंजूर की। इससे वैश्विक स्तर पर कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद किसानों को डीएपी पुराने 1,350 रुपए प्रति बैग के मूल्य पर मिलता रहेगा।
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को चालू रबी सत्र के लिए फॉस्फोरिक एवं पोटाशिक उर्वरकों के लिए 22,303 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि किसानों को मृदा पोषक तत्व-डीएपी 1,350 रुपए प्रति बैग की दर से मिलता रहेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी सत्र 2023-24 (1 अक्टूबर 2023 से 31 मार्च 2024 तक) में पीएंडके उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि मोदी सरकार, किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हमारा अनुमान है कि चर्ष 2023-24 के रबी सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी के रूप में 22,303 करोड़ रुपए खर्च होंगे। मई में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2023-24 के खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 38,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी को मंजूरी दी थी। मंत्री ने कहा कि किसानों को डीएपी (डाइ-अमोनियम फॉस्फेट) 1,350रुपए प्रति बैग (50 किलो प्रत्येक) की पुरानी दर पर मिलता रहेगा। ठाकुर ने कहा कि इसी तरह, एनपीके अपनी पुरानी दर 1,470 रुपये प्रति बैग और एसएसपी (सिंगल सुपर फॉस्फेट) लगभग 500 रुपए प्रति बैग पर उपलब्ध होगा। ठाकुर ने कहा, एमओपी (म्यूरेट ऑफ पोटाश) की दरें 1,700 रुपए प्रति बैग से घटकर 1,655रुपए प्रति बैग रह जाएंगी। मंत्रिमंडल ने नाइट्रोजन (एन) की एनबीएस दर 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फास्फोरस (पी) 20.82 रुपए प्रति किलोग्राम, पोटाश (के) 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की है। वर्ष 2023-24 के ख़रीफ़ सत्र के लिए, सरकार ने नाइट्रोजन (एन) पर प्रति किलोग्राम सब्सिडी दर 76 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फोरस (पी) पर 41 रुपये प्रति किलोग्राम, पोटाश (के) पर 15 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 2.8 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की थी। एन, पी, के और एस की प्रति किलोग्राम सब्सिडी दर में कमी के बारे में पूछे जाने पर, ठाकुर ने कहा कि तैयार उत्पादों और कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन यह अब भी अधिक बनी हुई है, और इसी कारण सरकार, पुरानी दर बरकरार रखने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में उर्वरक सब्सिडी लगभग 2.55 लाख करोड़ रुपए थी, जो वित्त वर्ष 2014-15 में लगभग 73,000 करोड़ रुपए थी। लाभ के बारे में सरकार ने एक बयान में कहा कि किसानों को सब्सिडीयुक्त, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इसमें कहा गया है, उर्वरक और लागतों की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी को युक्तिसंगत बनाया गया है। सरकार उर्वरक विनिर्माताओं व आयातकों के माध्यम से किसानों को रियायती कीमतों पर 25 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी एक अप्रैल, 2010 से एनबीएस योजना द्वारा शासित होती है।
क्या हुआ फैसला
मंत्रिमंडल ने नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश एवं सल्फर जैसे विभिन्न मृदा पोषक तत्वों पर पोषण-आधारित सब्सिडी देने का फैसला किया। यह सब्सिडी एक अक्टूबर, 2023 से 31 मार्च, 2024 के मौजूदा रबी फसल सत्र पर लागू होगी। डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) उर्वरक पहले की ही तरह 1350 रुपए प्रति बोरी की दर पर किसानों को मुहैया कराई जाएगी। वहीं पोटाश म्यूरिएट (एमओपी) की दरों में कटौती की जाएगी।
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सब्सिडी की नई दरें (प्रति किलो)
नाइट्रोजन- 47.02 रुपए
फॉसफोरस- 20.82
पोटाश- 2.38
सल्फर- 1.89
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जमरानी बांध से आएगी हरियाली
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (पीएमकेएसवाई-एआईबीपी) के तहत उत्तराखंड की जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना को शामिल करने की मंजूरी दी। इसपर 2,584 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में राम गंगा नदी की सहायक नदी गोला नदी पर जमरानी गांव के पास एक बांध के निर्माण की परिकल्पना की गई है। यह बांध मौजूदा गोला बैराज को अपनी 40.5 किमी लंबी नहर प्रणाली और 244 किमी लंबी नहर प्रणाली के माध्यम से पानी देगा, जो 1981 में पूरा हुआ था। 2,584.10 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना को मार्च, 2028 तक पूरा करने के लिए उत्तराखंड को 1,557.18 करोड़ की केंद्रीय सहायता की मंजूरी दी गई है। इस परियोजना में उत्तराखंड के नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों और उत्तर प्रदेश के रामपुर और बरेली जिलों में 57,065 हेक्टेयर (उत्तराखंड में 9,458 हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 47,607 हेक्टेयर) की अतिरिक्त सिंचाई की परिकल्पना की गई है। दो नई फीडर नहरों के निर्माण के अलावा, 207 किमी मौजूदा नहरों का नवीनीकरण किया जाना है और परियोजना के तहत 278 किमी पक्के फील्ड चैनल भी क्रियान्वित किए जाने हैं।
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