पीएम मोदी बोले- श्रीराम की मर्यादा जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी

— दिल्ली में प्रधानमंत्री ने किया रावण दहन, नागपुर में संघ प्रमुख ने चलाए तीर

खास बातें

00 देशभर में विजयदशमी की धूम, राष्ट्रीय राजधानी में गरजे पीएम

00 दशानन के दहन पर प्रधानमंत्री ने 10 संकल्प लेने की बात कही

इंट्रो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विपक्षी दलों पर बड़ा हमला किया। दिल्ली के द्वारका में दशहरा कार्यक्रम में शामिल हुए पीएम मोदी ने विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, हम श्रीराम की मर्यादा जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी हमें आता है। इधर, नागपुर में आयोजित दशहरा रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी विपक्ष पर जमकर तीर चलाए।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोगों से समाज में जातिवाद और क्षेत्रवाद जैसी विकृतियों को जड़ से खत्म करने का आह्वान करते हुए कहा कि दशहरा उत्सव को देश में हर बुराई पर देशभक्ति की जीत का प्रतीक भी बनाना चाहिए। नई दिल्ली के द्वारका में आयोजित दशहरा कार्यक्रम में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि यह हर किसी का सौभाग्य है कि वे सदियों के इंतजार के बाद अब अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर के निर्माण का गवाह बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा और यह लोगों के धैर्य की जीत का प्रतीक है। मोदी दशहरा समारोह के उपलक्ष्य में द्वारका में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम स्थल पर मंच पर आयोजकों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग ‘लंका दहन’ देखने के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे थे। मोदी का स्वागत शॉल ओढ़ाकर किया गया। उन्हें राम दरबार की मूर्ति और गदा भी भेंट की गई। प्रधानमंत्री ने भारत के सफल चंद्र मिशन, नए संसद भवन के उद्घाटन और महिला आरक्षण कानून बनाए जाने का हवाला देते हुए कहा कि यह कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों के बीच हो रहा है। मोदी ने लोगों से 10 प्रतिज्ञाएं लेने को भी कहा, जिसमें कम से कम एक गरीब परिवार को उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि जब सबका विकास होगा, तभी देश विकसित राष्ट्र बनेगा। उन्होंने पानी की बचत, डिजिटल लेनदेन, स्वच्छता, स्थानीय चीजों के लिए मुखर रहने (वोकल फॉर लोकल), गुणवत्तापूर्ण कार्य, घरेलू पर्यटन, प्राकृतिक खेती, मोटे अनाजों के उपभोग और फिटनेस पर भी जोर दिया।

राम मंदिर का निर्माण हमारी जीत

पीएम मोदी ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा कि सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है। राम मंदिर का निर्माण हमारी जीत जैसा है। भगवान राम आने ही वाले हैं। प्रधानमंत्री ने ‘भय प्रकट कृपाला’ का उल्लेख भी किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि विजयदशमी भगवान राम की वापसी के समान है। भारत में शगुन हो रहे हैं, हम चांद पर पहुंच गए, हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं, नया संसद भवन बन गया है, महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया है। इस समय पूरी दुनिया लोकतंत्र की जननी को देख रही है।

भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है। ऐसे समय में भारत को सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है। पीएम मोदी ने अपील की कि रावण के दहन के रूप में बस एक पुतले का दहन ना करें। हर उस बुराई को समाप्त करें जो देश के सौहार्द्र को तोड़ती है।

पीएम मोदी ने 10 संकल्प लेने को कहा

1- आने वाली पीढ़ियों को ध्यान में रखते हुए पानी बचाना

2- डिजिटल लेन-देन के लिए लोगों को प्रेरित करना

3- गांव और शहर स्वच्छता में सबसे आगे जाएंगे

4- ज्यादा से वोकल फॉर लोकल को फॉलो करेंगे

5- हम क्वालिटी काम करेंगे

6- पहले अपना पूरा देश देखेंगे। यात्रा करेंगे फिर समय मिला तो विदेश जाने के बारे सोचेंगे

7- प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करेंगे

8- सुपरफूड मिलेट्स अपनी रोजमर्रा की जिदंगी में शामिल करेंगे

9- योग, स्पोट्स या फिटेनस को प्राथमिकता देंगे

10- हम कम से कम एक गरीब परिवार का सदस्य बन उनका सामाजिक-आर्थिक स्तर बढ़ाएंगे

भागवत बोले-मणिपुर हिंसा के लिए बाहरी ताकतें जिम्मेदार

नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए “बाहरी ताकतों” को कसूरवार ठहराया। भागवत ने सवाल किया, मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं। यह एक सीमावर्ती राज्य है। इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? बाहरी ताकतों को भी फायदा मिलता है। वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे? नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने आरोप लगाया कि तथाकथित सांस्कृतिक मार्क्सवादी और जागरुक तत्व देश की शिक्षा एवं संस्कृति को बरबाद करने के लिए मीडिया तथा शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के मंदिर में भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी और इस अवसर पर जश्न मनाने के लिए लोग देशभर के मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित करें। मणिपुर के हालात पर आरएसएस प्रमुख ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिन तक मणिपुर में थे। वास्तव में संघर्ष को किसने बढ़ावा दिया? यह (हिंसा) हो नहीं रही है, इसे कराया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया, मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने में किन विदेशी ताकतों की दिलचस्पी हो सकती है? क्या इन घटनाक्रमों में दक्षिण-पूर्व एशिया की भूराजनीति की भी कोई भूमिका है? भागवत ने कहा, जब शांति बहाल होती नजर आती है, तब कोई न कोई घटना घट जाती है। इससे समुदायों के बीच दूरियां बढ़ती हैं। जो लोग ऐसी हरकतों में शामिल हैं, उनके पीछे कौन है? हिंसा कौन भड़का रहा है?

राष्ट्र के लिए बताए तीन तत्व

संघ प्रमुख ने कहा, तीन तत्व- मातृभूमि के प्रति समर्पण, पूर्वजों पर गर्व और समान संस्कृति-भाषा, क्षेत्र, धर्म, संप्रदाय, जाति एवं उपजाति रूपी सभी विविधताओं को एक साथ जोड़कर हमें एक राष्ट्र बनाते हैं। यहां तक कि जो लोग भारत के बाहर अस्तित्व में आए धर्मों का पालन करते हैं, उन्हें भी इन तत्वों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये तत्व मीडिया, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने प्रभाव से सामाजिक व्यवस्था, नैतिकता, संस्कृति, गरिमा और संयम को बाधित करना चाहते हैं।

000

प्रातिक्रिया दे